पुरस्कार वितरण के साथ सम्पन्न हुआ किसान मेला
पंतनगर-: चार-दिवसीय किसान मेले के समापन समारोह में बोलते हुए कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी के कहा कि भारत की कृषि क्षेत्र में उन्नति पन्तनगर विश्वविद्यालय के योगदान से ही संभव हो पायी है। उन्होंने कहा कि किसान फसलों से अधिक पैदावार लेने के लिए भूमि में रसायनिक उर्वरकों का काफी मात्रा में उपयोग कर रहें है जिसके प्रभाव से भूमि की उर्वराशक्ति को क्षति पहुंच रही है। उन्होंने शोध पर कार्य किये जाने पर बल दिया तथा मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने हेतु कृषि विज्ञान केन्द्रों से किसानो को जोड़ने की आवश्यक बताया। इस दौरान उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्रों को गढ़वाल क्षेत्र में भी कार्य करने हेतु सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की मुहिम अन्तर्राष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष 2023 को 72 देशों में श्रीअन्न के रूप में मनाया जा रहा है। मोटे अनाज में पोशक तत्वों की मात्रा अधिक पायी जाती है तथा उनको उगाने में पानी की आवश्यकता कम पड़ती है। उन्होंने कहा कि आज एफ.पी.ओ, स्वयं सहायता समूह एवं किसानो को मजबूत करने की आवश्यकता है जिससे वह कृषि संबंधित नयी तकनीक का उपयोग कर अपनी आय में वृद्वि कर सके। इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक शिव अरोरा एवं मोहन सिंह बिष्ट ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए पंतनगर विश्वविद्यालय को अन्न क्रांति का जनक बताया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि इस किसान मेले में 450 से अधिक स्टाल लगाये गये हैं, जिनसे 36 लाख रूपये की आय हुई है, जोकि एक बहुत बडी उपलब्धि है। उन्होंने स्मार्ट एग्रीकल्चर एवं स्मार्ट मार्केटिंग की आवष्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि किसानो को स्मार्ट एग्रीकल्चर एप से जुडने हेतु आह्वान किया जिससे किसानो को नयी तकनीक जानकारी प्राप्त हो सके।
चार दिवसीय चले किसान मेले में विश्वविद्यालय के विभिन्न बीज केन्द्रों से किसानों को 1 करोड़ 48 लाख रूपये के बीजों की बिक्री की गयी। उन्होंने बताया कि इस मेले में विभिन्न फर्मों, विष्वविद्यालय एवं अन्य सरकारी संस्थाओं के लगभग 450 से अधिक स्टाल लगाये गये व लगभग 25000 पंजीकृत एवं अपंजीकृत किसानों ने मेले का भ्रमण किया।




