आँचल दुग्ध : विश्वास और गुणवत्ता का पर्याय
लालकुआं
नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड, अध्यक्ष मुकेश बोरा के नेतृत्व में, आज केवल एक संस्था नहीं बल्कि दुग्ध उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास का पुल बन चुका है। मानवीय संवेदनाएँ, पारदर्शिता और आधुनिक प्रबंधन ने संघ को नई ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है।
मानवीय पहल – बीमार दुग्ध उत्पादक को सहायता
धारी पलड़ा दुग्ध समिति के सदस्य के.डी. दानी, जो लंबे समय से बीमारी और आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, उन्हें अध्यक्ष बोरा ने ₹15,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की। इस पहल ने एक बार फिर साबित किया कि आँचल संघ केवल कारोबारी संगठन नहीं, बल्कि कठिन समय में परिवार जैसा सहारा है।
पशुओं की सुरक्षा भी प्राथमिकता
संघ ने दुग्ध उत्पादकों के पशुओं की मृत्यु पर आर्थिक सहयोग देने की व्यवस्था की है। यह कदम दर्शाता है कि आँचल केवल दूध उत्पादन का ब्रांड नहीं, बल्कि पशु और उत्पादक—दोनों की सुरक्षा का संकल्प भी है।
सहयोगी नेतृत्व – दुग्ध विकास मंत्री का मार्गदर्शन
अध्यक्ष बोरा ने बताया कि दुग्ध विकास मंत्री सौरव बहुगुणा के मार्गदर्शन से संघ को लगातार सहयोग मिलता है। किसानों से जुड़ी समस्याओं को जब भी उनके संज्ञान में लाया जाता है, वे तुरंत निर्णय लेकर समाधान सुनिश्चित करते हैं।
मुख्यमंत्री से उम्मीदें
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सचिव प्रोत्साहन राशि को मैदानी क्षेत्रों में लागू करने की घोषणा का स्वागत करते हुए, संघ की प्रबंध कमेटी जल्द ही मुख्यमंत्री से भेंट कर योजना को लागू करने का अनुरोध करेगी।
आँचल की पहचान – गुणवत्ता और भरोसा
अध्यक्ष मुकेश बोरा का मानना है:
“दूध उत्पादकों और उपभोक्ताओं का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी पूँजी है। आँचल की गुणवत्ता हमारी पहचान है और इसे हर घर तक पहुँचाना हमारा संकल्प है।”
उपलब्धियाँ और भविष्य की दिशा
कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाकर उनका मनोबल ऊँचा किया गया।
दूध की बिक्री बढ़ाने हेतु जागरूकता रैलियाँ आयोजित की गईं।
₹84 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक प्लांट का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
गाँव-गाँव में उम्मीदों की खुशबू
आज लालकुआं और आसपास के क्षेत्रों में केवल दूध की महक नहीं, बल्कि उम्मीदों और आत्मविश्वास की खुशबू फैली है। कभी उत्पादकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें थीं, आज वहाँ गर्व और संतोष की मुस्कान है।
इस अवसर पर नीमा सा (मार्ग प्रभारी), प्रेम बल्लभ तिवारी (क्षेत्र पंचायत पर्यवेक्षक) और पूरनचंद बेलवाल (सचिव) भी उपस्थित रहे।




