किच्छा, – भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री अंकिता मिश्रा बुन्देला ने आज किच्छा में निर्माणाधीन सेटेलाइट एम्स परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य की प्रगति, गुणवत्ता, और विभिन्न तकनीकी पहलुओं का विस्तार से जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान संयुक्त सचिव ने कार्यदायी संस्था सीपीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता उत्पल त्रिपाठी को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता न किया जाए तथा कार्य की गति में और अधिक तेजी लाई जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह परियोजना प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को नई दिशा देने वाली है, इसलिए प्रत्येक कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर और मानक गुणवत्ता के साथ पूर्ण होना चाहिए।
सुश्री बुन्देला ने निर्माण स्थल पर विद्युत, पेयजल, ड्रेनेज, एवं सुरक्षा प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं की भी गहन समीक्षा की। उन्होंने अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिए कि इन सभी बिंदुओं पर विशेष ध्यान रखा जाए ताकि भविष्य में किसी प्रकार की तकनीकी या संरचनात्मक समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने यह भी कहा कि कार्य के दौरान आने वाली किसी भी बाधा या समस्या के निस्तारण हेतु समय-समय पर उच्च अधिकारियों से समन्वय स्थापित किया जाए।
संयुक्त सचिव ने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देशित किया कि कार्यदायी संस्था की समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय स्तर पर संबंधित विभागों से समन्वय सुनिश्चित करें, जिससे निर्माण कार्य तेज, पारदर्शी और निर्बाध रूप से आगे बढ़ सके।
निरीक्षण के उपरांत सुश्री बुन्देला ने लेबर कैम्प का भी निरीक्षण किया। उन्होंने वहां की स्वच्छता, पेयजल, आवासीय सुविधाओं और श्रमिकों की सुरक्षा से संबंधित व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि श्रमिकों के रहने-सहने की व्यवस्था सुव्यवस्थित व मानक के अनुरूप रखी जाए ताकि कार्य वातावरण सकारात्मक बना रहे।
संयुक्त सचिव ने अंत में कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर इस महत्वाकांक्षी परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे उत्तराखंड और आस-पास के राज्यों के नागरिकों को विश्व-स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।
निरिक्षण से पूर्व सुश्री बुन्देला ने एम्स परिसर में एक बरगद का पौधा भी लगाया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, उपजिलाधिकारी गौरव पाण्डे, तहसीलदार गिरीश त्रिपाठी, चिकित्सा अधीक्षक ऋषिकेश एम्स डॉ सत्या सहित सीपीडब्ल्यूडी, एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।




