हल्द्वानी-:
तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी के सुरई रेंज अन्तर्गत सुरई वन विश्राम भवन में ‘मगरमच्छ एवं सांप पहचान, रेस्क्यू तथा बचाव दल के लिए संचालन सम्बन्धित प्रशिक्षण’ कार्यक्रम आयोजित हुआ। प्रशिक्षण का शुभारम्भ डॉ० धीरज पाण्डे, मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं तथा डॉ० विनय भार्गव, वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त ने करते हुए प्रशिक्षण में मगरमच्छ व सांप के पहचान तथा उन्हें रेस्क्यू करने व आवश्यक सावधानियों से सम्बन्धित जानकारी प्रशिक्षण में उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों को दी ।
मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं डॉ धीरज पांडे ने वन्यजीवों के महत्वता के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए मगरमच्छ एवं सांप के पहचान से सम्बन्धित जानकारी दी साथ ही स्टाफ को यह भी निर्देश दिये कि आप अपने समीपस्थ ग्रामों व आबादी क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों के साथ सामन्जस्य स्थापित करें व यदि जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई भी वन्यजीव की सूचना दी जाती है तो उच्चाधिकारियों को सूचित करते हुए उसके रेस्क्यू किये जाने की कार्यवाही करें। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से यह आग्रह किया गया कि आप स्थानीय स्टाफ को आवश्यक सहयोग प्रदान करें।
डॉ० विनय भार्गव, वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त द्वारा भी पश्चिमी वृत्त अन्तर्गत पाये जाने वाले सांपो एवं मगरमच्छों के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी तथा सभी प्रभागीय वनाधिकारियों से भविष्य में आपसी सहयोग प्रदान किये जाने हेतु कहा गया। साथ ही डॉ० विनय भार्गव, वन संरक्षक, पश्चिमी वृत्त द्वारा कहा कि भविष्य में इस तरह के प्रशिक्षण स्टाफ को और दिये जायेंगे।
प्रशिक्षण में हल्द्वानी वन प्रभाग, हल्द्वानी के सर्प विशेषज्ञ श्री डी०एस० बर्गली भी उपस्थित थे। श्री बर्गली द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों को सांपो के पहचान, उनके व्यवहार, वास स्थल के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।
इसी दौरान श्री प्रशान्त कुमार, बॉयोलॉजिस्ट द्वारा प्रशिक्षण के दौरान मगरमच्छ तथा सांपों, उनके पहचान, व्यवहार, वास स्थल से सम्बन्धित जानकारियां दी गयी। श्री प्रशान्त कुमार, बॉयोलॉजिस्ट द्वारा यह भी अवगत कराया कि सामान्यतः इस क्षेत्र में मार्स क्रोकोडाइल सर्वाधिक पाये जाते है व मार्स क्रोकोडाइल से किस तरह हम बचाव कर सकते है। इसके साथ ही श्री प्रशान्त कुमार, बॉयोलॉजिस्ट द्वारा वर्तमान तक वृत्त अन्तर्गत घटित हुए मानव-मगरमच्छ संघर्ष का भी डाटा उपलब्ध कराया गया।
विगत तीन वर्षों में वर्तमान तक पश्चिमी वृत्त अन्तर्गत 4685 सांपों एवं तराई पूर्वी वन प्रभाग अन्तर्गत 114 मगरमच्छों का सकुशल रेस्क्यू कर उन्हें उनके प्राकृतिक वास स्थलों में छोडा गया है।
कार्यशाला में सभी स्टाफ को सांपों व मगरमच्छों के रेस्क्यू को प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया गया व रेस्क्यू के दौरान अपनायी जाने वाली सावधानियों के सम्बन्ध में भी अवगत कराया गया। प्रशिक्षण उपरान्त उपस्थित स्टाफ व जनप्रतिनिधियों को रेस्क्यू किट वितरित किये गये साथ ही समस्त वन क्षेत्राधिकारियों को एण्टी वेनम ड्रग किट उपलब्ध करायी गयी। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया कि यदि उनके क्षेत्रान्तर्गत कोई सर्पदंश घटना होती है तो वे नजदीकी वन क्षेत्राधिकारी कार्यालय से एण्डी वेनम ड्रग प्राप्त कर चिकित्साधिकारी के सहयोग से सर्पदंश से पीडित व्यक्ति को एण्टी वेनम ड्रग लगवा सकते है।
इस दौरान श्री हिमांशु बागरी, प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी, श्री दिगान्थ नायक, प्रभागीय वनाधिकारी, रामनगर वन प्रभाग, रामनगर, श्री प्रकाश चन्द्र आर्य, प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, रामनगर, श्री राहुल सती. वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी श्री डी०एस० बर्गली, सर्प विशेषज्ञ, हल्द्वानी वन प्रभाग, हल्द्वानी, उप प्रभागीय वनाधिकारी, शारदा एवं खटीमा, पश्चिमी वृत्त के सभी रेंजों के वन क्षेत्राधिकारी व लगभग 120 रेंज स्टाफ, श्री सुखविन्दर सिंह, ग्राम प्रधान मुंडेली, श्री रूप सिंह राणा, ग्राम प्रधान चांदा, श्री रशीम अंसारी, ग्राम प्रधान जमौर, श्री सिद्दीकी, श्री वीरेन्द्र सिंह, ग्राम प्रधान बूढ़ाबाग, श्री धर्म सिंह दसौनी, ग्राम प्रधान, बघ्घा 54 आदि उपस्थित थे।प्रशिक्षण में तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी, तराई केन्द्रीय वन प्रभाग, रूद्रपुर, तराई पश्चिमी वन प्रभाग, रामनगर वन प्रभाग एवं हल्द्वानी वन प्रभाग, हल्द्वानी के समस्त रेंजों के स्टाफ द्वारा प्रतिभाग किया गया।