बरेली के चार युवक रुद्रप्रयाग जनपद के चोपता से देवरिया ताल ट्रैक पर जाते समय फंसे गए जिसकी सूचना एसडीआरएफ को मिलने के बाद रेस्क्यू टीम ने चार युवकों का साहसिक रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित पहुंचा
04 युवकों के लिए संकटमोचक बनी एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम
चार युवक चोपता से देवरिया ताल ट्रैक हेतु निकले थे, जिनके रास्ते में भारी बारिश के बीच में फंसे होने की सूचना रात्रि करीब 9:00 बजे रुद्रप्रयाग पुलिस से प्राप्त हुई, उपरोक्त सूचना के प्राप्त होते ही एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू हेतु देवरिया ताल की ओर रवाना हुई। घने जंगल एवं दुर्गम रास्ते से रात्रि में एसडीआरएफ की टीम के द्वारा 04 युवकों को सकुशल रेस्क्यू किया गया।
मूसलाधार बारिश के बीच शुरू किया रेस्क्यू
इससे पूर्व दि018 जून 2024 को बरेली निवासी अभय गौड़ (22), अतीव आहूजा (23), आर्यन पटानी (23), और मोनीष गौतम (23) ने पर्यटक स्थल चोपता से देवरिया ताल तक ट्रैकिंग करने का निर्णय लिया। वे गूगल मैप की सहायता से पहाड़ियों और जंगलों के बीच पगडंडियों पर चल पड़े। यात्रा के दौरान आधे रास्ते पहुंचते ही अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। उनका फोन भी पानी में गिर गया, जिससे डाउनलोड किए गए गूगल मैप्स बंद हो गए और वे रास्ता भटक गए,बढ़ते अंधेरे और बारिश ने स्थिति को और भी बिगाड़ दिया। उन्होंने अपनी स्थिति पुलिस से साझा की, स्थानीय पुलिस से सूचना मिलते ही SDRF की टीम ने तत्परता दिखाते हुए एसडीआरएफ उत्तराखंड पुलिस की अगस्तमुनि टीम ने सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में रात में ही रेस्क्यू का कार्य शुरू किया गया। अगस्तमुनि स्थित एसडीआरएफ पोस्ट से 05 जवानों की एक टीम को तुरंत देवरिया ताल की ओर रवाना किया गया,दुर्गम पहाड़ी रास्ते और भारी बारिश के बीच रात्रि में ही SDRF टीम ने देवरिया ताल की ओर ट्रैक किया।
रात्रि में दोबारा किया शुरू रेस्क्यू अभियान
देवरिया ताल पहुंचने के बाद भी युवकों का पता नहीं चला, इसके बाद टीम ने देवरिया ताल से चोपता की ओर दूसरे मार्ग पर ट्रैकिंग शुरू कर दोबारा रेस्क्यू के लिए निकले। घने अंधेरे के बीच टीम ने टॉर्च जलाकर और मोबाइल फोन के माध्यम से संपर्क कर आवाज देकर चारों युवकों को ढूंढने का प्रयास किया।आखिरकार, काफी प्रयासों के बाद रात के 2:30 बजे टीम ने उन्हें सुरक्षित रूप से खोज कर रेस्क्यू किया। भारी बारिश के कारण युवकों को चलने में मुश्किल हो रही थी, इस पर टीम ने उन्हें प्राथमिक चिकित्सा देते हुए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने हेतु अभियान शुरू किया। सुबह 6:30 बजे टीम ने उन्हें सुरक्षित सारी गांव तक लेकर पहुंची, जहां उन्हें जिला पुलिस द्वारा सुरक्षित किया गया।
एसडीआरएफ की टीम का किया धन्यवाद
अभय, अतीव,आर्यन और मोनीष गौतम ने उन्हें सकुशल रेस्क्यू करने हेतु एसडीआरएफ की टीम को धन्यवाद दिया। घने जंगलों के बीच रात्रि में इस साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन में अगस्त्यमुनि पोस्ट के प्रभारी सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह, कांस्टेबल अनूप, कांस्टेबल मुकेश, कांस्टेबल धीरेंद्र, पैरामेडिक्स विनय और होमगार्ड अरुण शामिल रहे।