उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 14 अगस्त 2025 को नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव में हुए बवाल व 5 जिला पंचायत सदस्यो के अपहरण व चुनांव में डाले गए एक मतपत्र में ओवरराइटिंग की शिकायत व जिला पंचायत चुनाव में रि पोलिंग तथा निष्पक्ष चुनाव कराने को लेकर स्वतः संज्ञान लिए जाने वाली दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 29 दिसम्बर को भी जारी रखी है। कोर्ट ने आईजी सीबीसीआईडी से तब तक जाँच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आज सुनवाई के दौरान आईजी सीबीसीआईडी अरुण मोहन जोशी कोर्ट में वीडियो कोफ़्रसिंग के माध्यम से पेश हुए। उनके द्वारा कोर्ट को आस्वत किया कि मामले की जाँच चल रही है। जिसपर कोर्ट ने उनसे हुई जाँच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ में हुई । मामले के अनुस्सर 14 अगस्त को कोर्ट ने नैनीताल के जिला पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान उनके सदस्यो का अपहरण करने के मामले में कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। जिसमें कई जीते हुए सदस्यो ने न्यायलय की शरण भी ली थी। बीडीसी सदस्य पूनम बिष्ट ने उच्च न्यायालय में एक अन्य याचिका दायर कर कहा है कि नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनांव में एक मतपत्र में ओवर राइटिंग कर क्रमांक 1 को 2 कर अमान्य घोषित कर दिया गया। याचिका में कोर्ट से जिलाध्यक्ष पद के लिए पुनः मतदान कराए जाने की प्रार्थना की है।




