आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बड़ी राहत, सेवानिवृत्ति पर मिलेंगे न्यूनतम एक लाख रुपये
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के हित में एक अहम निर्णय लेते हुए उन्हें सेवानिवृत्ति के समय दी जाने वाली आर्थिक सहायता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की है। नए वित्तीय वर्ष से रिटायर होने वाली पात्र आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को अब न्यूनतम एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इस संबंध में सहमति बनने के बाद महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
सोमवार को सचिवालय स्थित एचआरडीसी सभागार में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक के बाद मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को रिटायरमेंट के समय मात्र 35 से 40 हजार रुपये मिलते थे, जिसे लंबे समय से बढ़ाने की मांग की जा रही थी। नई व्यवस्था के अंतर्गत कार्यकत्रियों को 300 रुपये प्रतिमाह का योगदान देना होगा, जिस पर आंगनबाड़ी संगठनों की सहमति प्राप्त हो चुकी है। यह बढ़ी हुई सहायता राशि 1 अप्रैल से सेवानिवृत्त होने वाली सभी पात्र कार्यकत्रियों को दी जाएगी।
बैठक में एकल महिला स्वरोजगार योजना की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने बताया कि अब तक छह जनपदों से प्राप्त 504 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जबकि शेष जिलों से प्राप्त आवेदनों पर प्रक्रिया जारी है। स्वीकृत लाभार्थियों को जनवरी के प्रथम सप्ताह में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से धनराशि जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके साथ ही नंदा गौरा योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने बताया कि इस वर्ष अब तक 45 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जो अब तक की सर्वाधिक संख्या है। आवेदन की अंतिम तिथि 20 दिसंबर निर्धारित है, जिससे संख्या में और वृद्धि होने की संभावना है। पात्र लाभार्थियों को 15 जनवरी के आसपास धनराशि जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति के मुद्दे पर भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। इस श्रेणी में रिक्त 88 पदों पर प्रमोशन हेतु एक सप्ताह के भीतर विज्ञप्ति जारी की जाएगी।
इसके अलावा प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाली वृद्ध महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक एवं भावनात्मक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से एक नई योजना अगले वर्ष शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इस योजना के लिए फिलहाल 8 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध है तथा अधिकारियों को इसकी विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।




