(देहरादून) Uttrakhand City news com बिंदुखत्ता को राजस्व गांव बनाने को लेकर संघर्षरत बिंदुखत्ता वन अधिकार समिति का शिष्टमंडल शासन स्तर पर लम्बित पत्रावली को गतिमान करने के लिए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूडी सहित संबंधित आधा दर्जन विभाग के सचिवों से मुलाकात कर राजस्व गांव की अधिसूचना को जारी करने का मांग पत्र सौपा ।
विदित रहे कि बिंदुखत्ता को वन अधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत राजस्व गांव की मान्यता के दिलाने के लिए संयुक्त दावे का 19 जून 2024 को जिला स्तरीय वन अधिकार समिति ने से स्वीकृति प्रदान कर शासन को भेज दी थी। इसके उपरांत उक्त पत्रावली पर कोई भी सकारात्मक प्रयास नहीं हुआ।
जिसके चलते गत दिवस वन अधिकार समिति के एक प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकत कर उक्त पत्रावली राजस्व गांव बनाने की अधिसूचना जारी करवाने का मांग पत्र दिया। जिस पर श्रीमती रतूड़ी ने राजस्व सचिव को एक्ट का निरीक्षण परीक्षण कर शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया साथ ही प्रतिनिधि मण्डल ने
राजस्व सचिव एस.एन पांडेय भी मुलाकात की। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर वन अधिकार अधिनियम 2006 के नोडल जनजाति कल्याण निदेशालय में अपर निदेशक योगेंद्र रावत से मुलाकात कर ज्ञापन सौपा । जिसपर अपर निदेशक योगेंद्र रावत ने बताया कि राजस्व ग्राम की कार्यवाही शासन स्तर पर गतिमान है जबकि संयुक्त दावा करने वाले बिंदुखत्ता के सभी ग्रामों को मान्यता प्रदान कर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु निदेशालय स्तर से जिलाधिकारी नैनीताल को पत्र प्रेषित किया जा रहा है। इसके अलावा शिष्टमंडल पंचायती सचिव के कार्यालय , जनजाति एवं समाज कल्याण सचिव के कार्यालय के साथ ही राज्यपाल के नाम ज्ञापन के प्रति राजभवन में दी।
उक्त प्रतिनिधि मंडल में वन अधिकार समिति बिंदुखत्ता के सचिव भुवन भट्ट, बसन्त पांडेय, उमेश भट्ट, डा यशवंत कोश्यारी, भूतपूर्व सैनिक संगठन के कैप्टन प्रताप सिंह बिष्ट , कैप्टन सुंदर सिंह खनका और कैप्टन इंदर सिंह पनेरी आदि शामिल रहे।
चित्र परिचय – देहरादून में जनजाति कल्याण निदेशालय में अपर निदेशक योगेंद्र रावत को ज्ञापन सौंपते वन अधिकार समिति के सचिव भुवन भट्ट व अन्य सदस्य।