(Uttarakhand city news Dehradun) CBRI करेगा तृतीय केदार तुंगनाथ का पुनरुद्धार
पंच केदार में तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर का पुनरोद्धार और सौंदर्यीकरण का कार्य सीबीआरआई करेगा। संस्थान के विशेषज्ञ मंदिर का सर्वेक्षण कर चुके हैं। सीबीआरआई के विशेषज्ञ एक माह पूर्व मंदिर क्षेत्र का सर्वेक्षण कर चुके हैं। जल्द ही संस्थान द्वारा अपनी रिपोर्ट श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को सौंपी जाएगी। हक-हकूकधारी लंबे समय से मंदिर के संरक्षण की मांग करते आ रहे हैं।
समुद्रतल से 11942 फीट की ऊंचाई पर स्थित तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर, विश्व में सबसे ऊंचाई पर स्थित शिवालय है। यहां भगवान आशुतोष के बाहु भाग की पूजा होती है। वर्ष 1991 में आए भूकंप से मंदिर पर व्यापक असर पड़ा है, जिस कारण यहां जगह-जगह दरारें पड़ गई हैं। सभामंडप की स्थिति काफी दयनीय हो रखी है। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के आग्रह पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) और भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के विशेषज्ञ, मंदिर का स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। इस संबंध में बीकेटीसी को रिपोर्ट भी सौंपी जा चुकी है। इस रिपोर्ट के अध्ययन के उपरांत बीकेटीसी ने केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की से भी राय मांगी थी। एक माह पूर्व सीबीआरआई के विशेषज्ञ तुंगनाथ मंदिर सहित मंदिर से लगे पूरे क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। जल्द ही संस्थान द्वारा अपनी रिपोर्ट बीकेटीसी को सौंपी जाएगी। बीकेटीसी के अनुसार, शासन द्वारा सीबीआरआई को ही तृतीय केदार के पुनरोद्धार के लिए कार्ययोजना के साथ ही डीपीआर तैयार करने को कहा गया है। इस कार्य में एएसआई व जीएसआई संस्थान को तकनीकी सहयोग करेंगे। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अनुसार, तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर के गर्भगृह और सभामंडप का चरणबद्ध पुनरोद्धार किया जाएगा। साथ ही मंदिर परिसर और यहां मौजूद अन्य छोटे-छोटे मंदिरों को सुरक्षित कर सौंदर्यीकरण किया जाएगा। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय का कहना है कि सीबीआरआई के विशेषज्ञ तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर व आसपास के क्षेत्र का स्थलीय व भौतिक निरीक्षण कर चुके हैं। जल्द ही संस्थान अपनी रिपोर्ट देगा। शासन द्वारा भी सीबीआरआई को ही तुंगनथ मंदिर के पुनरोद्धार कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है।