बिंदुखत्ता को राजस्व ग्राम घोषित न किए जाने के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सुनवाई 17 नवम्बर को
नई दिल्ली / नैनीताल, 10 नवम्बर:
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने उत्तराखंड के नैनीताल जिले के बिंदुखत्ता गांव को राजस्व ग्राम घोषित न किए जाने के मामले पर सुनवाई की तिथि घोषित कर दी है। आयोग ने इस प्रकरण की जांच संविधान के अनुच्छेद 338(क) के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए करने का निर्णय लिया है।

आयोग की ओर से जारी नोटिस (फा.सं. NCST/DEV-5548/UK/1/2025-RU-II, दिनांक 07 नवम्बर 2025) के अनुसार, आयोग के माननीय सदस्य श्री निरूपम चाकमा इस मामले में 17 नवम्बर 2025 को दोपहर 2:45 बजे आयोग मुख्यालय, लोक नायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्ली में सुनवाई करेंगे।
आयोग ने इस संबंध में मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन तथा जिलाधिकारी, नैनीताल को निर्देशित किया है कि वे निर्धारित तिथि पर मामले से जुड़े सभी मूल अभिलेखों एवं दस्तावेजों के साथ व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि अधिकारी निर्धारित समय पर उपस्थित नहीं होते हैं, तो आयोग संविधान के अनुच्छेद 338(क)(8) के तहत प्रदत्त सिविल न्यायालय की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है।
यह मामला नैनीताल निवासी श्री प्रभु गोस्वामी द्वारा दिनांक 25 जून 2025 को आयोग के समक्ष दायर शिकायत से संबंधित है, जिसमें बिंदुखत्ता गांव को अब तक राजस्व ग्राम घोषित न किए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी।
आयोग ने उक्त नोटिस की प्रतिलिपि श्री प्रभु गोस्वामी, माननीय सदस्य के निजी सचिव तथा एनआईसी को भी प्रेषित की है ताकि अभिलेखों को ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जा सके।




