उत्तराखण्ड

बड़ी खबर (लालकुआं) राजस्व गांव को लेकर किसान महासभा मुखर,फिर आंदोलन की तैयारी ।।

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लालकुआं

  • किसान महासभा की समीक्षा बैठक
  • राजस्व गांव की अधिसूचना जारी नहीं हुई तो राज्य सरकार को बड़े आंदोलन का सामना करने को तैयार रहे

अखिल भारतीय किसान महासभा के 18 जून 2025 को बिन्दुखत्तावासियों के मालिकाना हक, राजस्व गाँव बनाने, गोवंश संरक्षण कानून के चलते पशुपालकों का आजीविका पर संकट, गोवंश की दुर्दशा, किसानों के फसलों का नुकसान, सड़क दुर्घटनाओं और राहगीरों को हो रहे जान माल के नुकसान के लिए जिम्मेदार सरकार को आगाह कर, पशुपालकों किसानों आमजन के हक-हकूकों को बहाल करते हुए सरकार जनित समस्याओं का समुचित निदान करने के लिए किए गए विशाल प्रदर्शन की समीक्षा और भविष्य की योजना के लिए बैठक का आयोजन किया गया।

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बैठक में आए सभी साथियों ने 18 जून का विशाल प्रदर्शन कैसा रहा उसके अनुभव तथा तैयारियों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई। यह महसूस किया गया कि राज्य सरकार को इन मुद्दों पर झुकाने के लिए और बड़े और सफल आन्दोलन के लिए बड़ा और मजबूत संगठन जरूरी है इसलिए धान रोपाई के बाद पूर्व में बनी कमेटियों को लेकर पूरे बिन्दुखत्ता में सघन सदस्यता अभियान के साथ किसान महासभा की बैठकें करते हुए किसान महासभा का बिंदुखत्ता सम्मेलन अगस्त माह अन्त में किया जाएगा।

बैठक को संबोधित करते हुए किसान महासभा के जिला सचिव चन्दन राम ने कहा कि, राज्य सरकार की बिंदुखत्ता राजस्व गांव के मामले की जा रही वादाखिलाफी के विरुद्ध जनता की आवाज को किसान महासभा ने बुलंद करने का काम किया है। अब धामी सरकार को चाहिए कि जनमत का सम्मान करते हुए बिना देरी किए राजस्व गांव की अधिसूचना जारी करे। अन्यथा राज्य सरकार को बड़े आंदोलन का सामना करने को तैयार रहना चाहिए।

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वरिष्ठ नेता विमला रौथाण ने कहा कि, आवारा गोवंश से किसान और आम जनता परेशान है लेकिन राज्य सरकार किसान और पशुपालकों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है। जिसके कारण आवारा गोवंश विकराल समस्या का रूप ले चुका है।

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किशन बघरी ने कहा कि, लालकुआं के विधायक को इस बात का जवाब देना चाहिए कि फाइलों के कंप्लीट होने की बात वो कह रहे हैं लेकिन राजस्व गांव क्यों नहीं बन रहा है।

माले जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि, बिंदुखत्ता राजस्व गांव देश का ऐसा पहला मामला है जिस मुद्दे पर पक्ष विपक्ष सभी एकमत हैं, जिसको लेकर दो दो मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की है, फिर भी राजस्व गांव बनाने को सरकार तैयार नहीं है। बिंदुखत्ता राजस्व गांव को भाजपा कब तक वोट बैंक का मामला बनाकर रखेगी इसका जवाब विधायक को देना चाहिए।

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