कहते हैं कि गन्ना मैदानी क्षेत्र की फसल है लेकिन सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले कुछ समय में अभी आप फसल पर्वती क्षेत्र में भी लहरा आती हुई दिखाई देगी जिसके लिए सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रयास तेज कर दिए हैं।
चमोली न्यूज़
सीमांत जनपद चमोली में भी अब लहलहाएगी गन्ने की फसल’
सीमांत जनपद चमोली अब गन्ना उत्पादक जिला बनने की दिशा में अग्रसर हो गया है। यहां के किसानों को गन्ना उत्पादन के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्य ने बताया कि आतमा योजना के अन्तर्गत जिले के 25 किसानो को राज्य स्तरीय प्रशिक्षण के लिए गन्ना शोध संस्थान काशीपुर, जनपद उधमसिंह नगर भेजा गया है। यहां पर किसानों को गन्ने की बुआई से लेकर गन्ने की पैदावार बढाने की विभिन्न विधियों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण लेने के बाद किसान वैज्ञानिक विधियों का उपयोग कर गन्ना उत्पादन एवं विपणन कर सकेंगे। नगदी फसल गन्ने की मिठास के साथ ही किसानों को भी इसका अच्छा फायदा मिलेगा।
गन्ना शोध संस्थान काशीपुर में आयोजित राज्य स्तरीय गन्ना प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद चमोली से प्रतिभाग करने वाले किसानों में दिगपाल सिंह, महेन्द्र सिंह राणा, उमेद सिंह, लीला देवी, शीशी देवी, कुसुमलता, राकेश मोहन राणा, रूपचन्द्र सिंह, रमेश सिंह, बलवंत सिंह, विक्रम सिंह, राजेन्द्र सिंह, भरत सिंह, बीना देवी सतीष रावत, प्रमोद सिंह, राकेश सिंह, अनिता देवी, माहेश्वरी देवी, मीना देवी, रेखा देवी, अरविन्द सिंह, कुंवर सिंह, हरेन्द्र सिंह, पुष्कर सिंह शामिल है। चमोली न्यूज़