उत्तराखंड पुलिस ने एक ऐसे भर्ती सेंटर का भंडाफोड़ किया है जो
फर्जी ज्वाइनिंग लेटर जारी कर लोगों को नौकरी परोस रहा था हरिद्वार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस गोरखधंधा पर लगाम लगाई है वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार अजय सिंह के दिशा निर्देशन में चलाए जा रहे हैं अभियान मे लक्सर के ग्राम टीकमपुर में चल रहे फर्जी भर्ती सेंटर में सक्रिय गैंग के 04 सदस्यो को दबोचा गया है पकड़े गए गिरोह के सदस्य फिल्म “स्पेशल 26” की तर्ज पर हरिद्वार के नामी होटलों में बेरोजगार युवकों का इंटरव्यू लेकर उन्हें सरकारी नौकरी का लालच देकर बेरोजगारों को बांटे जाते थे आयोग के फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र गिरोह का काम करने का तरीका अंदाजा इस बात से लगाया जाता था कि वह हाई लेबल इम्पैक्ट के लिए आर्मी ड्रैस में ऑफिस में रखे थे दो गार्ड, इंटरव्यू पीरियड में भी रहते थे मौजूद ताकी शक की गुंजाइश न रहे पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के कब्जे में घटना में प्रयुक्त बोलेरो, क्विड, सेंट्रो कार, लगभग 1 दर्जन से अधिक चेक बुक, पासबुक, फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, विभिन्न विभागों की फर्जी मोहरें, गार्डों द्वारा पहनी गयी आर्मी की वर्दी व पुलिस की जैकेट आदि बरामद की है ।
घटनाक्रम के अनुसार हरिद्वार के देहात (लक्सर) क्षेत्र में सक्रिय गैंग द्वारा कई बेरोजगारों को विभिन्न सरकारी विभागों में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपए की रकम ऐंठकर शहर के नामी होटलों में फर्जी तरीके से इंटरव्यू लेकर लोक सेवा आयोग तथा UKSSSC (अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) के फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जा रहे थे।
पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से जब पूछताछ की तो उन्होंने बताया की उनका गिरोह विभिन्न विभागों में 10 प्रतिशत विभागीय कोटा बताकर बेरोजगारों को नौकरी का झूठा लालच देता था और फिर प्रत्येक से पाँच से दस लाख रूपये लेकर नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करते थे। कोई शक न करे इसलिए पहले नामी होटलों में बेरोजगारों को इंटरव्यू के नाम पर बुलाकर लाखों रुपयों की डिमांड की जाती थी। रकम मिलने पर लोक सेवा आयोग उत्तराखण्ड तथा UKSSSC (अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) के तहत अन्य विभागों से सम्बन्धित नौकरियों के फर्जी नियुक्ति पत्र जारी किए जाते थे। जब इनके द्वारा फर्जी नियुक्ति पत्र देने पर बेरोजगारों द्वारा संबंधित विभाग में जाकर जानकारी करने पर वहां ऐसी कोई जॉब न होने की बात वापस इनसे कही जाती थी तब इनका कहना होता था कि इन 10% विभागीय कोटा कि कोई परीक्षा नहीं होती यह पद विभाग द्वारा अलग से भरे जाते हैं। जिस कारण बेरोजगारों में भ्रम की स्थिति बनी रहती थी और लोग आसानी से इनकी धोखाधड़ी का शिकार हो जाते थे। इसके साथ ही गिरोह ने अपना रौब दिखाने के लिये दो गार्ड 8000/-रू0 प्रतिमाह के वेतन पर रखे थे जिन्हें वह आर्मी की वर्दी पहनाकर अपने साथ जगह-जगह ले जाते थे ताकि किसी को कोई शक न हो।
हरिद्वार पुलिस के सामने जब उक्त गिरोह के विरूद्ध जनपद हरिद्वार के विभिन्न थानों (रुड़की, बहादराबाद, मंगलौर, कलियर आदि) में मामला संज्ञान में आते ही धोखाधड़ी की गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज कर जांच पड़ताल की तो जनपद में बेरोज़गारों की भावनाओं से खेलकर जगह-जगह चल रहे इस बड़े खेल पर फोकस करते हुए एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह द्वारा एक ठोस रणनीति बना अधीनस्थों को निर्देशित किया गया। कोतवाली लक्सर समेत संयुक्त स्तर पर गठित पुलिस टीम ने लगातार एक्टिव रह कर सटीक सूचना के आधार पर एक महिला सहित कुल 04 अभियुक्तों को भारी मात्रा में अभ्यर्थियों के फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र, फर्जी शैक्षिक अंकतालिकायें, इलैक्ट्रोनिक सामान, नकदी, विभिन्न विभागों के पदनाम की मोहरों, घटना में इस्तेमाल किए जाने वाले कई मोबाइल फोन, 1 दर्जन से अधिक पासबुक, चेक बुक, रौब गालिब करने के लिए गार्ड द्वारा पहनी गई फर्जी आर्मी एवं पुलिस की वर्दी इत्यादि के साथ दबोचा एवं अन्य फरार की तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपी की पहचान विजय नोटियाल पुत्र मीर सिंह. रेणू पुत्री मीर सिंह निवासी. नितिन पुत्र चमन निवासी निवासी टिक्कमपुर लक्सर.तथा सिद्धार्थ पुत्र नवबहार निवासी धारीवाला, पथरी के रूप में हुई जबकि उनका एक साथी अजय नोटियाल पुत्र मीर सिंह निवासी टिक्कमपुर कोतवाली लक्सर मौके से फरार हो गया पुलिस ने पकड़े गए लोगों के कब्जे से-लैपटॉप HP कम्पनी.प्रिन्टर, सी0पी0यू 0-01-01 .फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र.
विभिन्न विभागों की मोहरें-09.भारी मात्रा में अभ्यर्थियों की शैक्षिक अंकतालिकायें.एक दर्जन से अधिक चैक बुक, पासबुक नकद- ₹90000. मोबाईल फोन-06.घटना में प्रयुक्त वाहन बोलेरो, क्विड, सेन्ट्रो कार.गार्डों द्वारा पहनी गयी आर्मी की वर्दी व पुलिस की जैकेट दिल्ली पुलिस ने बरामद की पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर उनका चालान कर जांच पड़ताल फरार की तलाश प्रारंभ कर दी है।