हिमालयी क्षेत्रों के दुर्लभ वन संपदा काजल की लकड़ी को फिल्म पुष्पा के अंदाज में पुष्पा बनकर अवैध रुप से तस्करी करते हुये दो व्यक्तियों को शुक्रवार को सुबह उत्तरकाशी पुलिस द्वारा पकडा गया है। पुलिस ने रुटीन चैकिंग के दौरान शुक्रवार को सूचना पर डुण्डा पुलिस द्वारा वन विभाग बैरियर देवीधार से वाहन संख्या UK 07DD-2230(TATA TIGOR) से दो तस्करों शरत सिंह व पेमा को प्रतिबन्धित काजल-काठ की लकड़ी की तस्करी करते हुये पकड़ा जिसे विधिक कार्यवाही करने हेतु वन विभाग को सौंप दिया गया।
पुलिस की पूछताछ में दोनों तस्करों ने बताया कि वह वाहन से 318 नग लकड़ी ये लोग भटवाड़ी के सिल्ला क्षेत्र से इस प्रतिबन्धित लकड़ी को उत्तर-प्रदेश के सहारनपुर ले जा रहे थे, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने इनको नाकाम कर दिया। गंगोरी बैरियर पर तैनात पुलिस जवानों द्वारा वाहन को रोकने की कोशिश की गई थी. लेकिन ये लोग बैरियर को टक्कर मारकर वहां से भाग निकले. जिस पर वन विभाग बैरियर देवीधार पर जाल बिछाकर चौकी प्रभारी डुण्डा सब इंस्पेक्टर संजय शर्मा के नेतृत्व में पुलिस बल द्वारा इनको दबोच लिया गया।
पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी के अनुसार काजल की लकड़ी उच्च हिमालय के आरक्षित वन क्षेत्र में पाई जाती है। काजल औषधीय दृष्टिकोण से सर्वोत्तम मानी जाती है। इसे बौद्घ सम्प्रदाय के लोग इसके बर्तन (बाउल) बनाकर खाद्य एवं पेय पदार्थों के लिए इस्तेमाल करते हैं। भारत, चीन, तिब्बत, नेपाल आदि देशों में इस लकड़ी की तस्करी कर उच्च कीमतों पर बेचा जाता है। माल पकड़ने वाली पुलिस टीम की सराहना करते हुए उनके द्वारा टीम को 1100रु0/ का पारितोषिक प्रदान किया गया। उत्तरकाशी न्यूज़