उत्तराखंड में पर्यटक एंगलिंग रोमांच का पूरा आनंद और अनुभव प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए सीमांत जनपद चमोली में बालखिला नदी में ट्राउट फिश एंगलिंग की भरपूर संभावनाओ को देखते हुए प्रशासन ने उसकी तैयारियां तेज कर दी है
सीमावर्ती जनपद चमोली आने वाले पर्यटक अब यहां की सदानीरा नदियों में फिश एंगलिंग का आनंद भी उठा पाएंगे। सरकार द्वारा संचालित फिश एंग्लिग कार्यक्रम के अन्तर्गत मत्स्य विभाग के माध्यम से जिले की ठंडे पानी की नदियों में ट्राउट फिश एंगलिंग की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। देश के मसहूर एंग्लर्स मिस्टर अली की अगुवाई में चार सदस्यीय दल ने मत्स्य विभाग के तत्वाधान में 18 एवं 19 फरवरी को ट्राउट के लिए प्रसिद्व बालखिला नदी में फिश एग्लिंग की। बालखिला नदी ट्राउट फिश एंग्लिग की आपार संभावनाओं के साथ उपयुक्त पायी गई। एंग्लर्स टीम ने बालखिला नदी में प्रचुर मात्रा में ट्राउट मत्स्य बीज संचित करने, कुछ क्षेत्रों को मत्स्य आखेट के लिए प्रतिबंधित करने, नदी के तेज वहाव को कम करने हेतु मछलियों के लिए सुविधाजनक छोटे-छोटे पूल्स बनाने के सुझाव भी दिए है, ताकि इन छोटे पूल्स में मछलियां आसानी से रह सके। जनपद के प्रभारी मत्स्य निरीक्षक जगदंबा ने बताया कि मछलियों की कमी को दूर करने के लिए हर साल नदियों में प्रचुर मात्रा में मत्स्य बीज डाला जाता है, लेकिन अवैध शिकारमाही के कारण बालखिला नदी में मछलियों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने बताया कि जिले की अन्य नदियों में भी फिश एग्लिंग के लिए उपयुक्त स्थानों को तैयार किया जा रहा है।