रोजगार का झांसा देकर म्यांमार भेजे गए 9 युवक सकुशल वापस, अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़
रुद्रपुर/देहरादून, 22 नवम्बर 2025।
रोजगार दिलाने के बहाने भारतीय एजेंटों द्वारा युवाओं को थाईलैंड होते हुए म्यांमार भेजकर साइबर अपराध में शामिल करने के मामले का खुलासा हुआ है। साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन कुमायूं परिक्षेत्र रुद्रपुर की टीम ने उत्तराखंड के बागेश्वर, पिथौरागढ़ और ऊधम सिंह नगर जनपदों के कुल 09 नवयुवकों को दिल्ली से सुरक्षित लाकर उनके परिजनों के हवाले किया।
जांच में पाया गया कि एजेंटों ने युवाओं से भारी धनराशि लेकर थाईलैंड (बैंकाक) का वीजा जारी कराया और अवैध रूप से म्यांमार के मायावाड़ी क्षेत्र स्थित K.K. पार्क भेजा, जहाँ चीनी कंपनियों के अवैध कॉल सेंटरों में उन्हें बंधक बनाकर साइबर अपराध की ट्रेनिंग दी जाती थी। आरोप है कि वहां वियतनाम, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ्रीकी देशों के युवाओं को भी इसी प्रकार मजबूर कर साइबर अपराध करवाया जा रहा था।
मुख्य आरोपी
पूर्व नियोजित आपराधिक षड्यंत्र के तहत युवाओं को विदेशी साइबर गिरोह के हाथ बेचने के आरोप में निम्न एजेंटों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है—
सुनील कुमार पुत्र नन्हे सिंह, निवासी जसपुर
अशोक पुत्र नन्हे सिंह, निवासी जसपुर
पिंकी पुत्री सुरेश चन्द्र, निवासी जसपुर
नीरव चौधरी पुत्र लवकुश, निवासी काशीपुर
प्रदीप, निवासी काशीपुर
धनंजय, निवासी मुंबई
एवं अन्य अज्ञात एजेंट
इनमें से कुछ के विरुद्ध जसपुर थाना (ऊधम सिंह नगर) एवं साइबर क्राइम पुलिस सूरत (गुजरात) में मानव तस्करी मामलों में पूर्व में भी अभियोग दर्ज हैं। मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया, जबकि अन्य के विरुद्ध साक्ष्य एकत्र करने की कार्रवाई जारी है।
कानूनी कार्रवाई
आज दिनांक 22-11-2025 को साइबर क्राइम थाना कुमायूं परिक्षेत्र में FIR संख्या 28/2025
धारा 318(4), 127(7), 111(4), 143(3), 61(2), 3(5) (BNS 2023) तथा आईटी अधिनियम की धारा 66(D), 84(B) के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत किया गया।
पुलिस टीम
- निरीक्षक प्रभारी – श्री अरुण कुमार
- उप निरीक्षक – शंकर सिंह रावत
- अपर उप निरीक्षक – सतेन्द्र गंगोला
- हेड कानि. – सोनू पाण्डे
एसटीएफ की अपील
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखंड श्री नवनीत सिंह ने कहा कि “युवाओं को रोजगार हेतु विदेश जाने से पहले पूरी जानकारी एकत्र करनी चाहिए। किसी भी एजेंट के बहकावे में न आएं और यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार मानव तस्करी अथवा साइबर अपराध के लिए युवाओं को विदेश भेज रहा हो तो तुरंत स्थानीय पुलिस या एसटीएफ को सूचित करें।”




