उत्तर प्रदेश

(बिग ब्रेकिंग) हल्द्वानी की मीना अरोड़ा ने व्यंग जगत और साहित्य में हासिल किया बड़ा मुकाम ।।

उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर की प्रसिद्ध लेखिका मीना अरोड़ा ने व्यंग्य जगत तथा साहित्य लेखन में विशेष मुकाम हासिल किया ।
मीना अरोड़ा के चर्चित हास्य व्यंग्य उपन्यास ने व्यंग्य विधा को समृद्ध किया है । मीना अरोड़ा व्यंग्य लेखन के साथ-साथ काव्य नाटक भी रच चुकी हैं । कविता, लघुकथा, कहानी, व्यंग्य, उपन्यास, डायरी लेखन, आदि विधाओं पर उन्होंने अपनी लेखनी चलाई है और आगे भी चलाती रहेंगी ।
समाज और राजनीति में फैली विद्रूपताओं, विसंगतियों पर उनकी सदैव पैनी दृष्टि बनी रहती है । उनके द्वारा गढ़े गए काल्पनिक पात्रों में भी जीवंतता को देखा जा सकता है । वह अपने मुख्य पात्र में खुद को ढाल कर अपने लेखन को नए आयाम देती हैं । उनके लेखन के दबे कुचले पात्र अपने कमजोर स्वरुप से बाहर आकर लेखन के कथानक में परिवर्तन ले आते हैं और अपने चरित्र के सशक्त स्वरूप का परिचय देते हैं ।
मीना अरोड़ा के हास्य व्यंग्य उपन्यास पुत्तल के पुष्पवटुक ने विदेशों में बसे भारतीयों को भी सम्मोहित किया । पुत्तल का पुष्पवटुक उपन्यास पर नीदरलैंड तथा मॉरीशस में बसे प्रवासी साहित्यकारों द्वारा 7 अप्रैल 2023 को ऑनलाइन परिचर्चा की गयी । इस परिचर्चा में महाराष्ट्र के प्रबुद्ध साहित्यकारों ने भी अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज करवाई । परिचर्चा में नीदरलैंड से जुड़े मुख्य अतिथि के रुप में डॉ. नारायण मथुरा, जो कि हिन्दी परिषद् नीदरलैंड के अध्यक्ष हैं । उपन्यास का अंश वाचन डॉ. ऋतु शर्मा (नीदरलैंड) ने किया जो कि हालैंड तथा सूरीनाम में हिन्दी की प्रचारक के रुप में जानी जाती हैं और अश्विनी केंगावकर, हिन्दी जगत की जानी मानी मंच संचालिका तथा कवयित्री (नीदरलैंड) द्वारा आभार ज्ञापन किया गया । इस उपन्यास पर सविता तिवारी, लेखिका तथा पत्रकार, माॅरीशस द्वारा मंतव्य प्रस्तुत किया गया । उपन्यास की परिचर्चा का संचालन ममता माली, मुंबई कालेज की प्राध्यापिका द्वारा किया गया । पुस्तक की समीक्षा डॉ.कविता सुल्हयान द्वारा की गयी जो कि मिरज (महाराष्ट्र) के कॉलेज में प्राध्यापिका के पद पर हैं । इस परिचर्चा की अध्यक्षता डॉ.रविंद्र कात्यायन द्वारा की गयी, जो मुंबई में एक प्रसिद्ध पटकथा लेखक व निर्देशक के रुप में जाने जाते हैं ।
इस प्रोग्राम में डा.संजीव निगम की विशेष उपस्थिति रही, जो कि वरिष्ठ व्यंग्यकार तथा हिन्दुस्तानी प्रचार सभा मुंबई के निदेशक हैं । कार्यक्रम में वरिष्ठ कथाकार बलराम अग्रवाल (नई दिल्ली), वरिष्ठ व्यंग्यकार पिलकेन्द्र अरोड़ा (उज्जैन), जानी मानी लेखिका अलका अग्रवाल सिगतिया (मुंबई), हिन्दी सेवी शर्मीला (सूरीनाम) की विशेष उपस्थिति रही । अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी संगठन के सक्रिय सदस्य राकेश कुमार त्रिपाठी ने इस ऑनलाइन कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने में तकनीकी सहयोग दिया ।

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