हल्द्वानी-:
उत्तराखंड की संस्कृति और बोलियों के संरक्षण में एक बड़ा प्रयास करते हुए नैनीताल जनपद में बड़ा मुकाम हासिल किया है अब जनपद में कुमाऊँनी बोली को बढ़ावा देने के लिये रामनगर, कोटाबाग व हल्द्वानी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुमाऊँनी बोली को प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में समावेशित कर शुरू किया जा रहा है। जिसकी जानकारी जिला अधिकारी धीरज सिंह गर्ब्याल ने जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री रेखा आर्य को बताई।
बैठक में सचिव,जिला योजना समिति/जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने समिति को अवगत कराया गया कि जनपद में कुमाऊँनी बोली को बढ़ावा देने के लिये रामनगर, कोटाबाग व हल्द्वानी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में कुमाऊँनी बोली को प्राथमिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में समावेशित कर शुरू किया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा कुमाऊँनी बोली का पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। इससे बोली का व्यापक प्रचार प्रसार, बोली का संरक्षण, शिक्षा जगत में बोली का उन्नयन होगा।
जनपद में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा व पलायन को रोकने के लिए सामुदायिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा जिसके तहत गांव के गांव लिए जाएंगे। सामुदायिक पर्यटन के अंतर्गत पर्यवरण व प्रकृति के अनुरूप घरों का निर्माण किया जाएगा।
विकास खंड रामगढ़ से औद्योनिक पर्यटन को शुरू किया जाएगा। औद्यानिक पर्यटन के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा व पर्यवरण संरक्षित किया जाएगा। इसके लिए रामगढ़ में फलपट्टी विकसित की जा रही हैं ।
जनपद के सर्वागींण विकास हेतु वर्ष 2022-23 के लिए प्रभारी मंत्री श्रीमती रेखा आर्य की अध्यक्षता में 51 करोड़ 51 लाख का परिव्यय जिला योजना समिति की बैठक में अनुमोदित किया गया। जनपद के लिए अनुमोदित परिव्यय में से सामान्य के लिए 41 करोड़ 04 लाख, अनुसूचित जाति उप योजना के लिए 09 करोड़ 88 लाख व अनुसूचित जनजाति उप योजना के लिए 59 लाख का परिव्यय अनुमोदित है।
हल्द्वानी व उसके आसपास के क्षेत्र में भूजल स्तर में वृद्धि हेतु लघु सिंचाई विभाग द्वारा जिला योजना से 23 स्थानों पर रिचार्ज शाफ़्ट निर्मित किये जायेंगे। प्रति रिचार्ज शाफ़्ट से प्रति वर्ष लगभग 52 लाख लीटर भूजल स्तर में वृद्धि होंगी। इस सम्बंध में जनपद प्रभारी मंत्री ने आगामी वर्ष में रिचार्ज से हुए लाभ की समीक्षा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई को दिए।