नई दिल्ली
। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद सऊदी अरब की सरकार ने शनिवार को हज-2021 के कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। हालांकि भारत समेत दुनिया के दीगर देशों को लगातार दूसरे साल इसलिए मायूसी होगी क्योंकि कोरोना की वजह से इस साल भी हज यात्रा को सऊदी अरब के लोगों तक ही सीमित किया गया है। इस बार महज 60 हजार हज यात्रियों को अनुमति दी जाएगी।
सऊदी अरब ने कोरोना महामारी को देखते हुए 2021 की हज यात्रा के लिए 23 मई को सुरक्षात्मक उपायों और शर्तों की घोषणा की थी। बयान में कहा गया था कि 18 साल से अधिक उम्र के 60 हजार घरेलू और विदेशी तीर्थयात्री हज कर सकेंगे। अलबत्ता हज को लेकर अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया था। हज कार्यक्रम की घोषणा में हो रही देरी के लिए सऊदी अरब सरकार ने कोरोना वायरस के लगातार म्यूटेशन और इससे बचाव के लिए वैक्सीनों की कमी को वजह बताया था।
महामारी से पहले 25 लाख लोग हज के पवित्र फर्ज को अदा करने के लिए विभिन्न देशों से हर साल मक्का और मदीना की यात्रा करते थे। इसमें अकेले भारत से हज यात्रा पर जाने वालों का कोटा दो लाख है जबकि उमरह पूरे साल जारी रहता है जिससे सऊदी अर्थव्यवस्था को सालाना 12 अरब डॉलर का फायदा होता है।
हज कमेटी ऑफ इंडिया के सीईओ डॉ. मकसूद अहमद खान ने सऊदी अरब के फैसले का स्वागत किया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी दो दिन पहले मुंबई स्थित हज हाउस में हज यात्रा से जुड़ी तमाम तैयारियों का जायजा लेने के बाद कहा था कि कोरोना संकट के मद्देनजर हज यात्रा के सम्बंध में भारत, सऊदी अरब सरकार के फैसले के साथ रहेगा।