उत्तराखण्ड

स्वरोजगार–:पिरूल बनेगा ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का साधन,सेंचुरी पल्प एंड पेपर की मुहिम में शामिल होंगे पर्वतीय क्षेत्र के लोग, पलायन को रोकेगी यह मुहिम, वन विभाग भी देगा सहयोग, पर्वतीय क्षेत्रों से पिरूल खरीदकर लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य, प्रथम चरण में 50 लाख रुपए खर्च करेगी कंपनी।

पिरूल बनेगा ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार का साधन सेंचुरी पल्प एंड पेपर की मुहिम में शामिल होंगे पर्वतीय क्षेत्र के लोग, पलायन को रोकेगी यह मुहिम, वन विभाग भी देगा सहयोग,
पर्वतीय क्षेत्रों से पिरूल खरीदकर लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य, प्रथम चरण में 50 लाख रुपए खर्च करेगी कंपनी।

हल्द्वानी
कागज उद्योग में अहम स्थान रखने वाली सेंचरी पल्प एंड पेपर अब पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए आगे बढ़ी है अब जल्दी सेंचुरी प्रबंधन पहाड़ों से पिरूल खरीद कर यहां एनर्जी क्षेत्र में काम करेगी यह तकनीक यहां कारगर हुई तो राज्य में जहां जंगलों को आग से बचाने में सफलता पाई जाएगी वही विद्युत उत्पादन कर कारखाना पर खर्च करेगी कारखाना प्रबंधन ने इस नए प्रोजक्ट की कार्ययोजना तैयार की है। जिसके तहत मिल द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के ग्रामीणों से पिरूल खरीदकर उसके ब्लाक बनाकर ईधन के रूप में प्रयोग किया जाएगा।

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  सेंचुरी पेपर मिल के सीईओ जेपी नारायण ने मिल के कम्यूनिटी हाल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि पिछले दिनों उनकी मुलाकात सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से हुई। जिसमें सीएम ने पिरूल के माध्यम से पर्वतीय क्षेत्रों के लोगों को रोजगार देने व जंगलों को आग से बचाने के ड्रीम प्रोजक्ट बारे में लंबी चर्चा हुई। जिसपर मिल प्रबंधन ने मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजक्ट पर पूरी कार्य योजना तैयार कर ली गई है। जिसके तहत मिल प्रबंधन पर्वतीय क्षेत्रों के ग्रामीणों से पिरूल खरीदकर उसके ब्लाक बनाएगी। जिसके बाद उन ब्लाकों को मिल में लाकर उसका इस्तेमाल ईधन के रूप में करेगी। उन्होने बताया कि पिरूल खरीदते समय उसका भुगतान तो किया जाएगा। जबकि उससे फायदा होने वाली धनराशी को भी उन्ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य में लगा दिया जाएगा। इस प्रोजक्ट से जहां ग्रामीण महिलाओं व पुरुषों को रोजगार मिलेगा वही पिरूल के कारण जंगलों में लगने वाली आग से जीव जंतु भी बचेंगे। जिसके लिए पहले वर्ष सीएसआर फंड से 50 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।
  इसके अलावा मिल के आस पास के क्षेत्रों में विकास कार्यो के लिए ढ़ाई करोड़ रुपए खर्च किए जाऐंगे। जिसके तहत स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध कराने, स्कूलों कक्षा कक्ष बनाने, पार्को का सौंद्रयीकरण करने, शौचालय निर्माण के साथ ही स्वच्छता के क्षेत्र में कार्य किया जाएगा। साथ ही उच्च स्तरीय मेडिकल कैंप, नशा मुक्त समाज की स्थापना के लिए बच्चों को जागरूक करने, स्मार्ट क्लासेस के अलावा महिलाओं को सिलाई कड़ाई प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होने बताया कि पिछले वर्ष सीएसआर फंड में मिल प्रबंधन द्वारा दो करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसके अलावा कोरोना काल में कई जनपदों में करीब दो लाख लीटर सैनेटाईजर निशुल्क वितरित किया था। इस अवसर पर सेंचुरी मिल के महाप्रबंधक एसके बाजपेयी, सुभाष शर्मा व सतीश वर्मा भी मौजूद रहे।

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