उत्तरकाशी

शिकारी की गोली–: आदमखोर गुलदार का आतंक हुआ खत्म,जॉय हुकिल ने थमाया मौत का वारंट, ग्राम वासियों को मिली राहत।

टिहरी-
नरेंद्र नगर विकासखंड अंतर्गत तीन दिन के भीतर दो मासूम बच्चों को निवाला बनाने वाला आदमखोर प्रसिद्ध शिकारी जॉय हुकिल की गोली से हुआ ढ़ेर। ग्रामीणों ने ली राहत की सांस ,वन विभाग का जताया आभार जॉय हुकिल के 39 में शिकार के साथ राहत।

टिहरी जनपद के नरेंद्र नगर विकासखंड अंतर्गत कसमोली गांव में मंगलवार की शाम 5:00 बजे आदमखोर गुलदार ने 6 वर्षीय मासूम बच्चे को निवाला बना लिया था ,मासूम बच्चे रौनक का शव गांव के पास झाड़ियों में मिला। इससे पूर्व विगत 11 अक्टूबर की रात नरेंद्र नगर विकासखंड के ही ग्रामसभा सालदोगी अंतर्गत पीपल सारी नामे तोक में गुलदार ने मुकेश रावत की छह वर्षीय बेटी स्मृति को निवाला बना लिया। बालिका घर के आंगन में शौच के लिए जैसे ही दरवाजे से बाहर आई ,घात लगाकर बैठे गुलदार ने उस पर हमला कर दिया और उसे उठाकर ले गया , चीख-पुकार सुनकर परिजन गुलदार के पीछे भागे सूचना पर मौके पर वन विभाग एवं पुलिस टीम भी पहुंच गई और कई घंटे की खोजबीन के बाद बालिका का शव घर से करीब 50 मीटर दूर क्षत विक्षित हालत में मिला था।

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3 दिन के भीतर हुई दो दुखद घटनाओं से ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया था क्षेत्र में भय के साथ ही वन विभाग के खिलाफ भी आक्रोश व्याप्त था।
टेलिफोनिक वार्ता पर प्रमुख शिकारी जॉय हुकिल ने बताया कि 11 अक्टूबर की रात्रि को वह प्रभावित क्षेत्र पहुंचे थे जहां स्मृति 6 साल की बच्ची को उसकी मां के सामने गुलदार उठा ले गया था जिस पर 500 मीटर दूर बच्ची का शव बरामद किया था इस घटना के बाद 12 तारीख को सर्च अभियान रात्रि 3:00 बजे तक चलाते हुए सुलडूगी गांव के आसपास भी सर्च अभियान चलाया जहां पर गुलदार नहीं नजर आया जिसके बाद 13 अक्टूबर को पूरा दिन अभियान चलाने के साथ रात्रि करीब 7:00 बजे कशमोली से भी एक बच्चे को उठाने की खबर आई जिस पर उन्होंने घटनास्थल पर पहुंच कर पुनः अभियान चलाया तथा रात्रि में 9: 30 पर झाड़ियों में गुलदार की आंख चमकते हुए दिखाई दी जिस पर उन्होंने निशाना साधते हुए एक ही गोली में उसका अंत कर दिया श्री हुकिल ने बताया कि नर गुलदार की उम्र करीब 6 से 7 वर्ष की थी तथा उसके नीचे के दांत टूटे हुए थे तथा वह भूखा था जिसके कारण वह जानवरों का शिकार नहीं कर पा रहा था तथा आसान शिकार की तलाश में वह गांव की तरफ आ गया ।
फोन पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में गुलदारो की बढ़ती हुई संख्या एक चिंता का विषय है वह 2009 से लगातार उत्तराखंड में वन्यजीवों से मानव संघर्ष को रोकते रोकते अब तक 38 गुलदारो का अंत कर चुके हैं तथा एक टाइगर भी उनकी गोली का शिकार हुआ है उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में गुलदार को आदमखोर घोषित कर उसकी हत्या करना इस समस्या का समाधान नहीं है इसको लेकर एक नीति बनानी जरूरी है जिससे इन वन्यजीवों का संरक्षण हो सके। श्री हु किल ने बताया कि इस समय मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ चुका है जिसके चलते पहाड़ों से पलायन की समस्या और बढ़ेगी इसको रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करने होंगे उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष गुलदार मानव संघर्ष की 13 रिपोर्ट हुई थी, लेकिन इस वर्ष यह आंकड़ा बढ़कर के 17 हो चुका है, ताजा आंकड़ों के अनुसार गुलदार इंसान के इतने करीब आ चुका है कि 80% घटनाए घरेलू मवेशियों और इंसान पर हो चुकी है जो चिंता का विषय है ।

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