उत्तराखण्ड

विशेष–: सरकारी स्कूलों की हाईटेक पढ़ाई का माध्यम बनेगें ई लर्निंग, स्मार्टफोन, प्रोजेक्टर, साथ में ड्रोन के बारे में भी बच्चे ले सकेंगे जानकारी, डीएम सविन बंसल की पहल लाई रंग।

नैनीताल
जिलाधिकारी सविन बंसल का यह मंतव्य है कि शिक्षा किसी भी उन्नत राष्ट्र की आधारशिला है।शिक्षा ना सिर्फ व्यक्ति के सर्वार्गींण विकास का माध्यम है वरन यह एक विचारशील समुन्नत सांस्कृतिक सभ्य राष्ट्र का निर्माण भी करती है। भारतीय समाज को उसके आदर्शों मूल्य आधारित सामाजिक परम्पराओं संवेदनशीलता सहिष्णुता का विकास करने मे सक्षम प्राचीन शिक्षा के कारण ही विश्व गुरू कहे जाने का गौरव प्राप्त रहा है।


श्री मिश्रा ने आज यहां बताया कि बंसल के प्रयासोें से ही जिले के विद्यालयों में पहली बार ग्लोब, एटलस, डिक्शनरी क्रय की गई जो आज तक कभी क्रय नहीं की गयी थी। प्रत्येक विद्यालयोें मे महापुरूषों की जीवनियां की पुस्तकों का बच्चे रूचि के साथ अध्ययन कर रहे हैं और उनके जीवन के मूल्यों को आत्मसात कर रहे हैं।
जिलाधिकारी के प्रयासों से जिले के सभी राजकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के अंधकारमय रहने वाले कक्षों में अब पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित किये जानेे हेतु प्रत्येक कक्षा-कक्षा में न्यूनतम 10 वाट के दो उच्च स्तर के एलईडी भी लगाये गये हैं। श्री बंसल का मानना है कि सीमित संख्या वाले सरकारी विघालयों के बच्चों मे शारीरिक विकास के लिए अध्ययन के साथ खेल भी अत्यंत जरूरी है। जनपद के विद्यालयोें में प्रथम बार उच्च कोटि के क्रीड़ा मैदानोें का विकास किया गया है तथा खेल सामग्री भी उपलब्ध कराई गई है।

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प्राथमिक स्तर के विद्यालयोें में झूले और टूटे शीशों को बदला गया है तथा माध्यमिक विद्यालयोें में बालीबाॅल कोर्ट, बास्केटबाल कोर्ट, क्रिकेट प्रेक्टिस विथ नैट का भी निर्माण किया जा रहा है। अध्ययनरत बच्चों मे आयरन की कमी ना हो इसके लिए प्रत्येक विद्यालय में मध्याह्न भोजन के तहत सब्जी पकाने के लिए उन्नत किस्म के लोहे से निर्मित उच्च क्वालिटी की कडाईयां भी उपलब्ध करायी है। जनसामान्य को अपने बच्चों को राजकीय विद्यालयों में प्रवेश दिलाये जाने हेतु आकर्षित करने के प्रयास जिलाधिकारी द्वारा किये गये है। स्कूलोें मे निशुल्क गणवेश,मध्याह्न भोजन गतिविधि शिक्षण खेल सामग्री निशुल्क पुस्तकें, पर्याप्त फर्नीचर, अनुभवी शिक्षक, पुस्तकालय जैसी जानकारियां विद्यालय की दीवारों पर सूचना प्रधान पेंटिग्स के माध्यम से दी जा रही हैं। जिलाधिकारी के दिशा निर्देशन मे ई-लर्निंग कक्षाओं के संचालन के लिए डीएम कैम्प हल्द्वानी में ई-लर्निग स्टूडियो की भी स्थापना की गई है।कैंप कार्यालय में पहली बार स्थापित हुए इस स्टूडियो में अनुभवी अध्यापकों द्वारा ई कंटैंन्ट तैयार किया जा रहा है। समग्र शिक्षा विद्यालय अनुदान मद से जिले 75 विद्यालयों द्वारा ई-लर्निंग हेतु महंगे स्मार्ट एलईडी टीवी क्रय कर लिये गये हैं।

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जिले के प्रत्येक विद्यालय की आवश्कताओं को चिन्हित करते हुये विद्यालय में भौतिक एवं शैक्षणिक परिदृश्य के उन्नयन हेतु उत्कर्ष के प्रयास के माध्यम से विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिलाधिकारी श्री बंसल ने जिले के सरकारी स्कूलों हाईटैक एवं सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए लगभग 14 करोड 78 लाख की धनराशि विगत वर्ष स्वीकृत की थी। जिसमें से विद्यालयों के सौन्दर्यीकरण एवं निर्माण कार्यो हेतु 808.249 लाख की धनराशि जारी की है। जिसमें से कक्षा-कक्षों के लिए 78.50, विज्ञान प्रयोगशालाओं के 225.555, विद्यालय प्रयोगशालाओं के 11 लाख, आर्ट एवं क्राप्ट कक्षों के लिए 221.592 लाख, पुस्तकालय कक्षो के लिए 181.432 लाख,कम्प्यूटर कक्षो के लिए 37.73 लाख, भौतिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के लिए 28.84 लाख, शौचालयों तथा दिव्यांग बच्चों की सुविधा के लिए 23.58 लाख की धनराशि जारी की है।
जिलाधिकारी ने अपने कार्यकाल के पूर्वाध में जनपद के दुर्गम पहाडी इलाकों मे जाकर विद्यालयों को देखा निरीक्षण के दौरान उन्होने बच्चों के सामने ड्रोन का प्रदर्शन कराया तथा डाटा प्रोजेक्टर के माध्यम से फिल्मों एवं शिक्षण सामग्री का प्रदर्शन जब स्क्रिन पर कराया तो बच्चे खुशी से झूम उठे और उन्हें आधुनिकतम नई दुनिया नई तकनीकी का अहसास एवं ज्ञान हुआ। विद्यालयों की बेहतरी एवं शिक्षा के उन्नयन के लिए जिले का शिक्षा विभाग जिलाधिकारी के इस अभियान में पूर्व रूप से पूर्ण निष्ठा के साथ तत्पर है।

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