भारत के विशाल रेल साम्राज्य की आधारशिला आज ही के दिन अंग्रेजों ने रखकर उस ट्रेन को चलाया जिसमें 400 यात्रियों ने बोरीवली छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से ठाणे तक की यात्रा की इसी के साथ 16 अप्रैल 1853 को स्टीम (भाप) से चलने वाली ट्रेन इन 167 सालों में बिजली से चलने वाली ट्रेन के साथ भारत तेजी से बड़ा आज भारत बुलेट ट्रेन चलाने पर भी काम कर रहा है।रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आज ट्वीट कर कोविड-19 कोरोनावायरस संक्रमण के लॉक डाउन के बीच रेल कर्मचारियों को इतने बड़े नेटवर्क को संचालित करने की उन्हें बधाई दी।
भारत में रेलगाड़ी की शुरुआत अंग्रेजों ने गुलामी के उस दौर में की तथा अपने प्रशासनिक कार्य को और बेहतर तरीके से करने के लिए अंग्रेजों ने भारत में ट्रेन चलाने का फैसला किया अंग्रेज अपनी दूरगामी सोच को लेकर हमेशा चर्चा में रहे उन्होंने इससे पहले अपने देश में ट्रेन चलाने का सफल परीक्षण करने के बाद उन्होंने अपने शासित देशों में ट्रेन चलाने का निर्णय किया जिसमें भारत का नाम भी शामिल था अंग्रेजों ने भारत में 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई दोपहर 3:35 पर बोरीवली जो आज छत्रपति शिवाजी टर्मिनल है वहां से 20 डिब्बों की यह ट्रेन 400 यात्रियों को लेकर ठाणे पहुंची इस तरह से भारत में अंग्रेजो के द्वारा संचालित ट्रेन का शुभारंभ हुआ।
आज भारतीय रेल दुनिया के पांच सबसे बड़े रेल नेटवर्क में आता है तथा करीब 15 लाख से अधिक रेल कर्मचारी इतने बड़े रेल नेटवर्क को संचालित करते हैं।तथा देश के हर कोने कोने तक भारत ने अपना इतना बड़ा रेल नेटवर्क प्रारंभ किया जहां पर प्रतिदिन करोड़ों यात्री भारतीय रेल में यात्रा कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाते हैं।देश आजाद होने के बाद भारत ने रेल सेवा को और व्यापक बनाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया यहां तक मेट्रो, मोनो, डेमो, यहां तक इन ट्रेनों को संचालित करने वाले इंजनों का भी निर्माण किया। यहां तक विश्व की सबसे अधिक ऊंचाई पर जम्मू कश्मीर में भी ट्रेन संचालन का गौरव हासिल किया जो भारत के लिए बड़े गौरव की बात है।