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रेलवे ब्रेकिंग–: पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा विकसित किए गए ऐप को (क्रिस) ने किया पूरे देश में लागू (ओ.एच.ई.) के निरीक्षण में है कारगर

बरेली
इज्जत नगर मंडल ने रेल पथ को संरक्षित रखने के लिये अभिनव प्रयोग के रूप में ’’कर्षण प्रहरी ऐप’’ विकसित किया जो बहुत ही कारगर सिद्व हुआ। इसके बाद सेन्टर फाॅर रेलवे इंफाॅर्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने समस्त भारतीय रेल के लिए एक नया ऐप ’ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम’

(टी.डी.एम.एस.) बनाया है जिसका पूरे भारतीय रेल पर सफलतापूर्वक इस्तेमाल हो रहा है। विदित हो कि इज्जतनगर मंडल पर मथुरा-कासगंज-फर्रुखाबाद-रावतपुर एवं कासगंज-बरेली सिटी रेल खंडों का विद्युतीकरण किया जा चुका है।
विद्युत विभाग के पेट्रोलमैन द्वारा इस ऐप के लागू होने से पूर्व, पैदल निरीक्षण के दौरान ओ.एच.ई. से जुड़ी खामियों को कागज पर नोट किया जाता था तथा एसेट में पायी गयी कमियों की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक देर से पहुँचती थी। अनेक खूबियों वाले इस ऐप के लागू हो जाने से ट्रैक्शन पेट्रोलमैन द्वारा पैदल निरीक्षण ज्यादा प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण हो गया है। पेट्रोलमैन के मोबाइल में उपलब्ध इस एप में उन सभी कमियों तथा फाल्टों का उल्लेख होता है जो पैदल निरीक्षण के दौरान ट्रैक्षन पेट्रोलमैन के संज्ञान में आ सकती है। ओवर हेड इक्विपमेंट (ओ.एच.ई.) के निरीक्षण के दौरान कोई भी कमी पाए जाने पर पैट्रोलमैन ऐप में फीड उस कमी के सामने केवल टिक करता जाता है। इस प्रणाली में उपलब्ध जी.पी.एस. के माध्यम से संबंधित ट्रैक्षन पेट्रोलमैन का लोकेशन भी मिलता रहता है। फीड की गयी कमियों की सूचना ऐप के द्वारा तत्काल मंडल मुख्यालय एवं सम्बद्व सीनियर सेक्शन इंजीनियर के पास पहुँच जाती है जिसे वे बेवसाइट के माध्यम से देख लेते है।

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सम्बद्व सीनियर सेक्शन इंजीनियर द्वारा तत्काल फाॅल्ट से संबंधित सुधारात्मक कार्यवाही कर अपनी टिप्पणी के साथ उसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को भेज जी जाती है। किसी बड़ी कमी या इक्पिमेंट में खराबी आने पर मंडल अधिकारियों द्वारा इसे ठीक करवाने की व्यवस्था की जाती है। इस ऐप की एक विशेषता यह भी है कि इसमें एक आॅटोमैटिक अलार्म लगा हुआ हैं जो प्रत्येक 15 दिन पर सेक्सन इंचार्ज को यह सूचित करता है कि किन-किन खंडों की पैट्रोलिंग होनी बाकी है।

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विदित हो कि ट्रैक पेट्रोलिंग के लिए पहले से ही जी.पी.एस. आधारित ट्रैकर सभी पेट्रोलमैन को दिए जा चुके हैं। अभी मानसून पेट्रोलिंग की जा रही है, जिसकी माॅनिटरिंग जी.पी.एस. ट्रैकर के माध्यम से किया जा रहा है। संबंधित अधिकारी किसी भी समय, किसी भी पेट्रोलमैन की लोकेशन देख सकता है।

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