काठगोदाम
कोरोना संक्रमण काल के चलते देशभर में बंद ट्रेनों के बाद अब चलाई जा रही विशेष ट्रेन पर्याप्त यात्री ना मिलने के चलते घाटे का सौदा साबित होती जा रही है काठगोदाम से एकमात्र चलने वाली काठगोदाम देहरादून 02092 स्पेशल ट्रेन में भी पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं रेलवे की आय के हिसाब से यदि नजर डाली जाए तो अकेले जून माह में काठगोदाम रेलवे स्टेशन से मात्र 1072 लोगों ने काठगोदाम से यात्रा की ठीक उसी तरह वापसी में जून माह मे 1275 यात्री काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर उतरे, इसके अलावा जुलाई माह में 1327 यात्रियों ने काठगोदाम रेलवे स्टेशन से यात्रा प्रारंभ की वही 1335 रेलयात्री देहरादून से चलकर काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर पहुंचे।इसके अलावा लाल कुआं में यात्रियों की संख्या में कोई खास बढ़ोतरी नहीं रही जबकि रुद्रपुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों की संख्या अवश्य सैकड़े के आसपास रही।इसके अलावा रामपुर मुरादाबाद, सहित उत्तर रेलवे के स्टेशनों पर ही कुछ रस देखा जा सका है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की तमाम तामझाम के बीच 5 दिन चलने वाली यह ट्रेन रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है।
आज तेल की कीमतों में हो रही भारी वृद्धि ने यह घाटा बढ़ाकर और बड़ा कर दिया है सबसे बड़ी बात काठगोदाम से देहरादून की कुल दूरी 335 किलोमीटर है यदि 12 कोच की ट्रेन के हिसाब से रेल इंजन के डीजल की खपत का अनुमान लगाया जाए तो आने जाने में करीब 2000 लीटर डीजल काठगोदाम और देहरादून और देहरादून से काठगोदाम के बीच 12 कोच के लोड के हिसाब से करीब डेढ़ लाख का डीजल प्रतिदिन लग रहा है।कुल मिलाकर के यह स्पेशल ट्रेन रेल विभाग केेेे लिए घाटे का सौदा होती जा रही है यदि रेल विभाग उपरोक्त ट्रेन को 5 दिन की जगह 3 दिन के लिए इस रेल मार्ग पर चलाएं तो यह घाटा कुछ कम हो सकता है ।