अल्मोड़ा
आगामी 10 फरवरी 2020 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने के लिए जिसमें 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजॉल की दवा खिलाये जाने के लिए की जाने वाली तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के लिए जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में शिविर कार्यालय में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की।
बैठक में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये है कि दिनांक 10 फरवरी 2020 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस को सफल बनाने के लिए सभी अधिकारी इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करायें ताकि 01 से 19 वर्ष तक के लड़का एवं लड़कियों को एल्बेंडाजॉल की दवा खिलाई जा सके। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये है कि वे सभी सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों , आंगनबाडी केन्द्रांे, आईटीआई व पालीटेक्नीक में प्रार्थनासभा में बच्चों/छात्रों कों खिलाई जाने वाली एल्बेंडाजॉल की दवा के सम्बन्ध में जानकारी दें। उन्होंने यह भी कहा कि जो बच्चे 10 फरवरी 2020 को किसी कारणवश दवा खाने से वंचित रह जाता है तो उसे 17 फरवरी (माॅपअप दिवस) को अनिवार्य रूप से दवा खिलाई जाय।
जिलाधिकारी ने बताया कृमि नियंत्रण की दवा खिलाने से खून की कमी में सुधार व पोषण का स्तर बेहतर होता है। कृमि संक्रमण के कारण प्रायः बच्चों के पेट में दर्द, उल्टी, दस्त, वजन कम होने के लक्षण दिखाई देते है। उन्होंने बताया कि एल्बेंडाजॉल कृमि नियंत्रण हेतु बच्चों एवं वयस्क दोनों के लिए सुरक्षित दवा है। इसके सम्बन्ध में भी सभी अभिभावकों को जानकारी से अवगत कराया जाय। जिलाधिकारी ने सभी चिकित्साधिकारियों, मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी बाल विकास तथा जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिये है कि वे अपने अपने क्षेत्रों में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें ताकि कृमि दिवस के अवसर पर 01 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजॉल की दवा खिलाई जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिये है कि इस सम्बन्ध में जो भी रिपोर्टिंग की जानी है उसको मुख्य चिकित्साधिकारी को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बैठक में प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 योगेश पुरोहित ने बताया कि जनपद में एल्बेंडाजॉल की दवा पंहुच चुकी है जल्दी ही सभी ब्लाकों में दवा का वितरण कर दिया जाएगा जिससे कृमि मुक्ति दिवस के दिन बच्चों को दी जा सके। उन्होने बताया कि सभी तैयारियां समय रहते कर ली जाएगी।
इस दौरान जिलाधिकारी ने शिशु एवं मातृ मृत्यु दर की समीक्षा करते हुये शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को चिन्हाकंन आशा के माध्यम से करते हुये एएनएम का समय-समय पर निरीक्षण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिये प्रशासन स्तर से किसी कोई भी अवश्यकता हो उसमें सहयोग किया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को दिये जाने वाले पोषण आहार को समय-समय पर निरीक्षण किया जाय। उन्होंने निर्देश दिये अपरिहार्य कारणों को छोड़कर मरीजों को रैफर न किया जाय। इस बैठक मंे बाल रोग विशेषज्ञ डा0 प्रीति पंत, जिला शिक्षाधिकारी बेसिक एचबी चंद, पीएमएस रानीखेत चिकित्सालय डा0 डी0एस0 नेई, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक दीपक भट््ट, शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा,समन्वयक नेहरू युवा केन्द प्रियंका नेगी, समाज कल्याण अधिकारी राजीव नयन तिवारी के अलावा स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।