पंतनगर
विश्वविद्यालय के अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना मशरूम के अन्तर्गत आज राष्ट्रीय मशरूम दिवस पर मशरूम शोध निदेशालय सोलन, हिमाचल प्रदेश के निदेशक, डा. वी.पी. शर्मा के निर्देशानुसार ‘इम्यूनिटीबूस्टर के रूप में मशरूम’ विषयक एक कार्यक्रम का आयोजन ग्राम जवाहर नगर में परियोजनाधिकारी, डा. एस.के. मिश्र, के नेतृत्व में किया गया।
मुख्य अतिथि डा. ए.के. शर्मा ने बताया कि एक सफल मशरूम उत्पादक को मशरूम को बाजार में बेचना की कला भी आनी चाहिए जिससे वह अधिक लाभ प्राप्त कर सके। इसी क्रम में डा. ए.एस. नैन ने बताया कि पंतनगर विश्वविद्यालय अब किसानों के लिए क्रय-विक्रय केन्द्र की स्थापना करने जा रहा है और किसान अपना कृषि उत्पाद विश्वविद्यालय की सहायता से ऑनलाइन खरीद एवं बेच पायेंगे। उन्होंने विभिन्न प्रकार के मशरूमों जैसे शिटाके मशरूम तथा मंकी हैड मशरूम आदि में पाए जाने वाले विशिष्ट औषधीय गुणों एवं स्वास्थ्य के प्रति लाभकारी बताया। डा. कुशवाहा ने बताया कि वर्षभर में तापमान के अनुसार विभिन्न प्रकार के मशरूमों को लगा सकते है। साथ ही उन्होंने किसानों को मशरूम को लगाने के लिए प्रेरित भी किया। वरिष्ठ शोध अधिकारी, डा. मिश्रा ने श्रोताओं को मशरूम को एक इम्यूनिटीबूस्टर एवं इसके लाभों से किसानों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि मशरूम को विभिन्न रूपों में जैसे मशरूम पाउडर, मशरूम पापड़, मशरूम बड़ी आदि के रूप में प्रयोग कर सकते है और मशरूम के विपणन के स्थानीय माॅडल के बारे में चर्चा की।




