हल्द्वानी
समाज में दुश्मनों की पहचान करना आज बड़ा मुश्किल हो गया है सीमा पार से दुश्मनों के साथ लोहा लेना तो माना जा सकता है लेकिन अंदर रह कर के जो दुश्मनी करें उससे पार पाना बड़ी टेढ़ी खीर है। पिछले वर्ष 21 /22 जून की मध्य रात्रि को बरहनी रेंज के अंतर्गत जंगल में गस्त करने के दौरान वन तस्करों द्वारा किए गए हमले में अपनी ड्यूटी के दौरान बहादुर सिंह चौहान शहीद हो गए थे उक्त शहीद हुए वन कर्मी को आज वन विभाग के कर्मचारियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनकी पत्नी को प्रभागीय वन अधिकारी तराई केंद्रीय डॉक्टर अभिलाषा सिंह ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया ।

इस दौरान उन्होंने स्व चौहान द्वारा जंगल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए जान न्योछावर करने पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर 2 मिनट का मौन रखकर उनको श्रद्धांजलि भी अर्पित की।इस दौरान उस मुठभेड़ में घायल हुए दैनिक श्रमिक महेंद्र सिंह को भी उप प्रभागीय वन अधिकारी उमेश कुमार ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। बरहनी रेंज पौधशाला में आयोजित बहादुर सिंह की शहादत को शहीदी दिवस के रूप में मनाया गया तथा कहा की बहादुर सिंह ने रात्रि में जंगल में तस्करों के साथ लोहा ले कर के अपने प्राण न्योछावर कर दिए उनको विभाग हमेशा याद करता रहेगा

इस दौरान सभी वन कर्मियों ने स्वर्गीय बहादुर सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।इस शहीदी दिवस में वन क्षेत्राधिकारी बरहैनी रूपनारायण गौतम, वन क्षेत्राधिकारी भाखड़ा श्रीमती सावित्री गिरी, वन क्षेत्राधिकारी गदगदिया प्रदीप असगोला, वन क्षेत्राधिकारी रुद्रपुर पंकज शर्मा ,वन क्षेत्राधिकारी टांडा अजय लिंगवाल, वन क्षेत्राधिकारी पीपल पड़ाव बीके मेहरा, हेमचंद नेगी हर सिंह मेवाड़ी, हरि सिंह केड़ा, लक्ष्मी दत्त जोशी,लक्ष्मण सिंह जीना, सहित भारी संख्या में वन कर्मी एवं समाजसेवी उपस्थित थे




