अल्मोड़ा
वैश्विक महामारी नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से विश्व में मानव गतिविधियां प्रभावित हुई है वही पशुओं के सामने भी इस महामारी ने उनके स्वच्छंद विचरण एवं भोजन पर पूरी तरह से ब्रेक लगा दिया है।सामाजिक संगठन एवं सरकार यदि इन निराश्रित गोवंश एवं स्वान पशुओं की देखभाल नहीं करती तो इन पशुओं के आचरण में बदलाव होने की संभावना प्रबल हो जाती जिससे इनके जीवन में होने वाले बदलाव से एक और नई समस्या उत्पन्न होती।
इन्हीं सब शंकाओं पर ध्यान देते हुए जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन सिंह भदौरिया ने जनपद में इन निराश्रितों पशुओं के लिए विशेष देखभाल करने के आदेश दिए हैं। श्री भदौरिया ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण देशव्यापी लाॅकडाउन अवधि में मनुष्यों के साथ-साथ निराश्रित पशुओं को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद में लगभग 450 गोवंशीय तथा 870 निराश्रित स्वाान पशु (कुत्ते) है। लाॅकडाउन के कारण इनके लिये चारा भोजन का संकट पैदा हो गया था। इस समस्या के समाधान हेतु डा0 रविन्द्र चन्द्रा को नोडल अधिकारी नामित करते हुये आवारा पशुओं के लिये चारा/भोजन/आहार की व्यवस्था की जा रही है।
जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा राहत कोष से उपलब्ध करायी गयी धनराशि से निराश्रित पशुओं हेतु पशुपालन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों, स्थानीय पशु प्रेमियों तथा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से जनपद के सभी क्षेत्रों में विशेषकर अल्मोड़ा, रानीखेत, स्याल्दे के आवारा पशुओं हेतु लगातार भोजन की व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इस कार्य में डा0 राम अवतार दीक्षित, पशुप्रेमी कामिनी कश्यप, मनन खान, इरम अली कुरैशी द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभायी जा रही है। उन्होंने बताया कि उपजिलाधिकारी रानीखेत अभय प्रताप सिंह द्वारा भी स्वयं आवारा पशुओं के भरण पोषण में प्रतिदिन निगरानी की जा रही है साथ ही पशु चिकित्साधिकारी रानीखेत डा0 ममता यादव द्वारा जानवरों के लिये काॅम्पेक्ट फीड ब्लाक्स की व्यवस्था की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि यह व्यवस्था आगामी लाॅकडाउन अवधि तक जारी रहेगी।