अल्मोड़ा

ब्रेकिंग–: इस तरह से होता है रोटी बैंक का संचालन, कहीं बच्चों के गुल्लक के पैसे, तो कहीं वृद्धजनों की पेंशन, नई दिशा दिखा रहा है रोटी बैंक

अल्मोड़ा
नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के चलते हुए लॉक डाउन के दौरान अल्मोड़ा में रोटी बैंक का संचालन यदि नहीं होता तो यहां की स्थिति कितनी विकराल रूप धारण कर चुकी होती यह एक सोचने प्रश्न है डीएम नितिन कुमार भदोरिया कहते हैं रोटी बैंक के संचालन को आज 48 दिन पूर्ण हो चुके है और रोटी बैंक के द्वारा अभी तक 1 लाख 15 हजार भोजन पैकेट से ज्यादा का वितरण किया है। नगर और आसपास के क्षेत्रों के नेपाली और बिहारी मजदूरों को लाकडाउन के शुरूआत में उनके विषम परिस्थितियों मे रोटी बैंक द्वारा ही इनका और इनके बच्चो का पालन पोषण हो सका।

दूसरे लाकडाउन में रोटी बैंक के सफल संचालन के बाद तीसरे चरण के लाकडाऊन में आ रहे प्रवासियों के लिए रोटी बैंक लगातार भोजन पैकेट मुहैया करा रहा है। कई प्रवासी लोगों ने बताया कि वो जिस भी स्थान से चले थे रास्ते में पानी और भोजन का विषम संकट रहा लेकिन अल्मोडा में आकर भोजन पैकेट मिलने पर रोटी बैक की सराहना की गयी। रोटी बैंक द्वारा बच्चों को दूध की भी व्यवस्था की जा रही है।
रेडक्रास सोसाइटी, व्यापार मंडल, कैमिस्ट एव ड्रगीस्ट ऐसोसिएसन के साथ साथ अल्मोडा के सैकड़ों स्वयं सेवको के साथ मिलकर रोटी बैंक ने अल्मोडा में अनूठी पहल की शुरूआत की। जिलाधिकारी नितिन कुमार भदोरिया ने बताया कि रोटी बैंक द्वारा चल रहे इस सामाजिक कार्य की हर कोई सराहना कर रहा है। उन्होंने बताया कि यह रोटी बैंक समाज से मिले आर्थिक दान, राशनदान और समयदान से चल रहा हैं और नगर के सभी स्वयंसेवक बधाई के पात्र है। रोटी बैंक के नोडल अधिकारी डाँ अजीत तिवारी ने बताया कि यह रोटी बैंक बच्चों के गुल्लक के पैसे ,या बुजुर्ग के पेंशन के पैसे, हर क्षेत्र के लोगों द्वारा दिये गये दान से चलाया जा रहा हैं। इस रोटी बैंक में स्वयंसेवक 16 घंटे लगातार कार्य करते हैं जो हर पार्टी हर संप्रदाय के है। सामाजिक सद्भाव व जिला प्रशासन के अनूठे पहल व बिना किसी टेंडर के चल रहे इस रोटी बैंक ने उत्तराखंड में एक आदर्श प्रस्तुत किया है और आने वाले समय में कोई भी आपदा मे निपटने हेतु तैयार रहने के लिए संकल्पित किया है।

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