उत्तराखण्ड

बिग ब्रेकिंग–:’द फ्यूचर इज हैंड मेड: गोइंग वोकल फाॅर द लोकल विद इंडियन क्राफ्ट’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार पर क्या बोली टैक्टसटाइल एवं क्रांफ्ट डिजाइनर, कु. हिमानी थापा,

हस्तनिर्मित शिल्प उत्पाद एवं परांपरागत कला देश का बहुमूल्य खजाना-थापा

पंतनगर
पंतनगर विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान महाविद्यालय की स्वर्ण जयंती वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर वस्त्र एंव परिधान विभाग द्वारा ’द फ्यूचर इज हैंड मेड: गोइंग वोकल फाॅर द लोकल विद इंडियन क्राफ्ट’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
अधिष्ठात्री, गृह विज्ञान, डा. अल्का गोयल ने संकाय सदस्य एवं प्रतिभागियों को वेबिनार में बताया कि उत्तराखण्ड में पाए जाने वाली हस्तशिल्प कला और प्राकृतिक तंतुओं द्वारा निर्मित उत्पादों की बाजार में अत्याधिक मांग है। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों, शोधकर्ताओं एवं हितधारकों को उत्तराखण्ड की परांपरागत कला को शोध कार्यों द्वारा जीवन्त करने की आवश्यकता है। डा. गोयल ने कहा कि हस्तशिल्प कला से जुड़े सभी लोगों को व्यवसायिक स्तर पर कौशल प्रोत्साहन कर अपने राज्य और देश को वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम करना होगा।
इस अवसर पर विशेषज्ञ, टैक्टसटाइल एवं क्रांफ्ट डिजाइनर, कु. हिमानी थापा, ने उत्तराखण्ड में बनाए जा रहे विभिन्न प्रकार के स्थानीय उत्पादों, क्राफ्ट और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने की आवश्यकता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि परांपरागत शिल्प निर्मित वस्तुओं के सतत् उत्पादन प्रक्रिया द्वारा पुनः परिवर्तन की आवश्यकता है, जिससे स्थानीय लोग भविष्य में उपभोक्ता के मांग के अनुरूप वस्तुओं को निर्मित कर सके। कु. थापा ने प्राकृतिक तंतु, हस्तनिर्मित शिल्प उत्पाद एंव परांपरागत कला को देश का बहुमूल्य खजाना बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड के पहाडी़ इलाकों में स्थानीय शिल्पकार और उनकी कला बहुतायत संख्या में है जिसे प्रतीक के रूप में संरक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने पहाड़ी ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित स्वंय सहायता समूह ’सुरीलीः द पहाड़ी गुड़िया’ के बारे में भी बताया और कहा कि समूह की महिलाएं प्राकृतिक वृक्ष भीमल के तंतुओं का प्रयोग कर हस्तनिर्मित वस्तुएं जैसे गुड़िया तथा अन्य खिलौने बनाकर आय अर्जित कर रही हैं।
इससे पूर्व विभागाध्यक्ष, वस्त्र एंव परिधान विभाग, डा. शहनाज जहान ने प्रतिभागियों एवं संकाय सदस्यों का स्वागत कर वेबिनार का शुभारम्भ किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, गुजरात आदि से लगभग 300 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। आयोजन में प्राध्यापिका, डा. अनिता रानी, सहायक प्राध्यापिका, डा. नीतू डोभाल तथा सहायक प्राध्यापिका, डा. शेफाली मैसी उपस्थित रही।

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