पिथौरागढ़
जौलजीबी मुनस्यारी रोड पर भारी भूस्खलन के चलते 50 मीटर बना कंक्रीट का पुल सैलाब में बह जाने के बाद बीआरओ ने इसे कड़ी मेहनत के बाद नया वैली ब्रिज बनाकर यातायात के लिए आज प्रारंभ कर दिया है।
गौरतलब है कि 18 जुलाई को मुनस्यारी के किलोमीटर संख्या 54 से आगे जबरदस्त भूस्खलन हुआ था जिसको बीआरओ लगातार अपने मशीनों के माध्यम से हटाने का प्रयास कर रही थी कि 27 जुलाई को सुबह बादल फटने एवं भूस्खलन के चलते करीब 50 मीटर लंबा पूरा पुल पानी के बहाव में बह गया।
इस घटना के बाद बीआरओ ने कमान संभाली और उन्होंने जौलजीबी से तूरकटिया के बीच वैली ब्रिज बनाने का निर्णय लिया।
बीआरओ के वरिष्ठ अधिकारी एस बनर्जी ने बताया कि करीब 180 फिट लंबा बेली ब्रिज बनाना एक बहुत ही बड़ा चैलेंजिंग काम था तथा बैली ब्रिज के लिए सामान इकट्ठा करने में सबसे अधिक परेशानी हो रही थी उसके बावजूद भी किसी तरीके से सामान की व्यवस्था कर तथा तुर कुटिया ब्रिज के बीच से मशीनों को मंगा कर युद्ध स्तर पर कार्य प्रारंभ किया गया जिसे आज यातायात के लिए खोल दिया गया उन्होंने बताया कि अभी भी आज रास्ता में मलबा हटाने का कार्य जारी है इस मार्ग के खुलने से हम जौलजीबी से लुमटी तक पहुंच गए हैं तथा लुमिटी में जबरदस्त भूस्खलन है जिसको एक-दो दिन में हटा कर हम यह रास्ता साफ कर देगे जिसके बाद हम जौलजीबी से तिरकुटिया तक पहुंच जाएंगे जहां हमने इस मार्ग को पी डब्लू डी के मार्ग से लिंक कर दिया है जिसके बाद हम मुन्सयारी तक आसानी से पहुंच जाएंगे ।
श्री बनर्जी ने कहा कि आपदा से निपटने के लिए हमने इस मार्ग पर तीन जेसीबी मशीन, चार पोकलैंड मशीन तथा एक पेलोडर को तैनात किया हुआ है जो राहत एवं बचाव कार्य में हमेशा लगें हुए है।