उत्तराखण्ड

बाढ़ सुरक्षा–: इन नदियों से होगी बाढ़ सुरक्षा,डीएम ने जारी किए 19 लाख 96 हजार रुपए।

हल्द्वानी
वर्षा काल में कैलाश नंधौंर एवं उनकी सहायक नदिया के उफान से चोरगलिया क्षेत्र के लोग हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका से जूझते थे इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए क्षेत्रीय विधायक नवीन दुम्का के अनुरोध पर जिलाधिकारी एवं/अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण सविन बंसल ने चोरगलिया क्षेत्र में नंधौर, कैलाश अन्य सहायक नदियों से बाढ़ बचाव कार्यो हेतु 19 लाख 96 हजार राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से स्वीकृत किये।
गौरतलब है कि लालकुआं विधायक नवीन दुम्का द्वारा चोरगलिया क्षेत्रवासियों की बाढ की समस्या को प्रबलता से उठाया जा रहा था। विगत दिनों में विधायक चोरगलिया वासियों की बाढ की समस्या को लेकर जिलाधिकारी से मिले थे। जिस पर जिलाधिकारी ने चोरगलिया में बाढ की समस्या का शीघ्र समाधान करने का आश्वासन दिया गया। जिलाधिकारी श्री बंसल ने विधायक को दिये गये आश्वासन की पूर्ति करते हुये चोरगलिया क्षेत्र में नंधौर, कैलाश अन्य सहायक नदियों से बाढ़ बचाव कार्यो हेतु 19 लाख 96 हजार राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि से जारी किये।
जिलाधिकारी श्री बंसल ने बताया कि चोरगलिया क्षेत्र को बाढ़ से बचाने हेतु नंधौर नदी की सहायक देवा नदी के मुहाने में जमा बोल्डर,मलवा हटाने कार्य हेतु 7.71 लाख, चोरगलिया आमखेड़ा क्षेत्र में बाढ़ से बचाने हेतु कैलाश नदी के मुहाने में जमा बोल्डर,मलुवा हटाने कार्य हेतु 5.32 लाख व चोरगालिया के अन्तर्गत दुबैल भीड़ा क्षेत्र को बाढ़ से बचाने के लिए कैलाश नदी के मुहाने में जमा बोल्डर, मलुवा हटाने हेतु 6.93 लाख अधिशासी अभियंता सिचांई खण्ड हल्द्वानी को स्वीकृत कर दी गई है। उन्होंने अधिशासी अभियंता सिंचाई को निर्देश दिये की स्वीकृत धनराशि वास्तविक आवश्यकतानुसार व्यय की जाय तथा अतिरिक्त धनराशि की प्रत्याशा में स्वीकृत धनराशि से अधिक व्यय कतई नहीं किया जाय।
जिलाधिकारी /अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण श्री बंसल ने कहा कि सूर्योदय से पूर्व व सूर्यास्त के बाद वन क्षेत्र में कोई कार्य नही किया जायेगा। तथा वन क्षेत्र में ज्वलनशील पदार्थ, वन्य जीवों को क्षत्रि पहुंचाने वाले किसी भी प्रकार का कैमिकल ले जाना प्रतिबन्धित रहेगा। वन अधिनियम प्राविधानों एवं भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम का कडाई से अनुपालन करना अनिवार्य होगा साथ ही क्षेत्र से उपखनिज अथवा पत्थर वन क्षेत्र से बाहर ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। उन्होने निर्देश दिये कि कार्य में लगाये श्रमिकों एवं अन्य स्टाफ व वाहनों की सूचना व आईडी प्रूफ संबंधित प्रभागीय वनाधिकारी को देने के साथ ही कार्य आरम्भ करने व कार्य समाप्त की सूचना भी तत्काल प्रभागीय वनाधिकारी को देना भी अनिवार्य होगा।

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