देहरादून
आज की भागम भाग एवं तनाव भरी जिंदगी के बीच सुकून के दो पल निकालने मुश्किल होते जा रहे हैं, तेज रफ्तार से चल रही जिंदगी के बीच मनुष्य को अपने शरीर के प्रति फिट रहने के लिए समय नहीं मिल रहा है तथा बेतरतीब खान-पान एवं उसके दुष्प्रभाव के कारण जिंदगी बोझिल होती जा रही है।ऐसे में जैविक रूप से बने हुए तो तत्व ही शरीर को कुछ पुष्ट पुष्ट रख सकते हैं उत्तराखंड में एक ऐसी चाय तैयार की गई है जो पूरी तरह से आयुर्वेदिक पद्धति के द्वारा निर्मित की गई है।
यह काम’उत्तराखंड, हर्बल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एचआरडीआई), गोपेश्वर में संस्थान के निदेशक डॉक्टर चंद्रशेखर सनवाल ने कर दिखाया है जहां उन्होंने एक लंबे रिसर्च के बाद एक नई किस्म की हर्बल चाय तैयार कराई है।आम तौर पर यह हर्बल चाय कई सामग्रियों का मिश्रण तैयार कर बनाई है, जो स्वास्थ्य लाभ के साथ यह हर्बल चाय शरीर को चुस्त दुरुस्त रखती है। देश में पाई जाने वाली चाय के अन्य उत्पादों के विपरीत इस हर्बल चाय में कैफीन नहीं होती है। इसके सेवन करने से पाचन शक्ति सही रहती है तथा इसमें प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा मिलता है आमतौर पर इसके चिकित्सीय और स्फूर्तिदायक गुणों के लिए सेवन किया जाता है। पेट या पाचन समस्याओं में सहायता करने में सक्षम होने के कारण, हर्बल चाय रक्त को शुद्ध करने वाले गुण प्रदान करने में मदद करती है।
डॉ। चंद्र शेखर सनवाल ने बताया कि उत्तराखंड के किसानों को रोजगार से जोड़ने के लिए तथा हिमालयी क्षेत्रों में हर्बल पौधों की उपलब्धता की क्षमता को देखते हुए हर्बल टी पर रिसर्च कर उसे तैयार किया गया है।
लंबे परीक्षण के बाद इस हर्बल चाय की सुगंध स्वाद, कलर,प्रोटीन, वसा, विटामिन और खनिज सामग्री पर गहन अध्ययन किया गया तथा चयनित जड़ी-बूटियों के साथ हर्बल चाय का निर्माण किया गया है।
श्री सनवाल ने बताया कि एक दिन में अलग-अलग समय पर अलग-अलग स्वाद के साथ एचआरडीआई द्वारा सुबह, शाम और रात के लिए हर्बल चाय को विकसित किया गया है। प्राकृतिक जड़ी बूटी और स्वीटनर के साथ सुबह के लिए उच्च ऊर्जा वाली चाय मन को खुश करने के लिए अच्छी सुगंध और स्वाद प्रदान करती है जो आपको पूरे दिन तरोताजा और सक्रिय रखती है।शाम की हर्बल चाय एक गर्म चाय का कप है जो हमेशा तनाव से राहत के लिए अच्छा होता है जो आपकी ऊर्जा के स्तर में सबसे ऊपर होता है और थकान को दूर करता है। Nigh बिस्तर की चाय कच्चे फाइबर, कैलोरी और वसा में कम होती है जिससे अच्छी और सकून भरी नींद मिलती है तथा फ्रेश मॉर्निंग से शुरुआत होती है।
निर्देशक एचआरडीआई, चंद्र शेखर सनवाल कहते हैं कि उनका मकसद अलग-अलग हर्बल चाय बना कर आम लोगों की जरूरत को पूरा करना है जिससे लोगों को अच्छे प्रोडक्ट मिलेंगे और आम जनता को इसका फायदा होगा इस उत्पादन से हिमालय क्षेत्र में किसानों की कृषि का विकास होगा उन्होंने यह भी कहा कि संस्थान का यह मकसद है कि यह अपनी टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाते हुए इस चाय का कमर्शियल उत्पादन प्रारंभ करें जिसके लिए तैयारी की जा रही है।