देहरादून
उत्तराखंड की संस्कृति को अपनी आवाज में पिरो कर जनमानस के मन में अमिट छाप छोड़ने वाले सुर सम्राट हीरा सिंह राणा का आज तड़के दुखद निधन हो गया है राणा के निधन से उत्तराखंड की संस्कृति एवं सभ्यता का तारा हमेशा के लिए अस्त हो गया जिन्होंने अपनी आवाज से उत्तराखंड वासियों के दिल में अंदर तक राज किया राणा ने उस दौर को हमेशा अपने साथ रखा जो अपनी संस्कृति से विमुख होकर पश्चात संगीत की तरफ दौड़ रहे थे।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लोक कलाकार हीरा सिंह राणा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त कर शोक संतप्त परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राणा के निधन से लोक संस्कृति को संरक्षित करने वाले कि हमेशा कमी खलेगी।
दशको तक उन्होंने अपनी सुरमई आवाज से रंगीली बिंदी, घागर काई, धोती लाल की किनर वाई, जैसे सुपरहिट संगीत को अपने स्वर में पिरोया और लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया।और ऐसे अनेकों गीत है जो आज भी लोगों के मन मस्तिक से नहीं हट पाए हैं।राणा के असमय चले जाने से उत्तराखंड संगीत संस्कृति को जो एक बड़ा शुन्य मिला है वह जल्दी नहीं भरने वाला है।
उत्तराखंड बोली भाषा के उपाध्यक्ष रहे हीरा सिंह राणा स्वर्गीय चंद्र सिंह राही के बाद वह कैसे शख्सियत थे जिनकी कमी अब लोगों को हमेशा खलती रहेगी।उनका आज निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा।
उत्तराखंड सिटी न्यूज़ डॉट कॉम स्वर सम्राट हीरा सिंह राणा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है