पिथौरागढ़
पिछले लंबे समय से आतंक का पर्याय बन चुके गुलदार को बीती रात्रि प्रसिद्ध शिकारी सैयद अली बिन हादी ने मौत की नींद सुला दिया यह उनका दूसरा शिकार था पिथौरागढ़ के मोस्टमानू क्षेत्र में यह मादा गुलदार पिछले 2 माह से लगातार आतंक मचाए हुए थी ।
जानकारी के अनुसार 14 अक्टूबर को उक्त गुलदार ने श्रीमती बसंती देवी पत्नी धनीराम ग्राम पपदेव को हमला कर मार दिया था जिनका शव झाड़ियों में बरामद हुआ था इसके अलावा दिनांक 17 अक्टूबर को देशराज पुत्र कर्ण थापा को गुलदार द्वारा गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई थी तथा 20 नवंबर को इसी गुलदार ने श्रीमती सुनीता फुलेरा पत्नी श्री सुनील फुलेरा ग्राम पुजारी को घास काटते समय घायल कर दिया था तथा 23 अक्टूबर को भरत सिंह पुत्र नरेंद्र सिंह ग्राम गोरिया गांव को गुलदार द्वारा आंगन में मुंह धोते समय घायल किया था तथा उसी दिन साय 6:00 बजे हेमा देवी पत्नी शंकर राम ग्राम ढूंगाभूल को आंगन के पास पानी भरते समय गुलदार ने हमला किया था जिससे वह बुरी तरह घायल हो गई थी इस तरह लगातार गुलदार की सक्रियता के चलते मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने इस गुलदार को आदमखोर घोषित कर दिया था ।
इतनी घटना के बाद वन विभाग द्वारा लगातार लोगों को जन जागरूक किया जा रहा था तथा मेरठ के शिकारी सैयद अली बिन हादी को इससे निजात दिलाने के लिए वन विभाग ने नामित किया ।

जिसके बाद वन विभाग की टीम लगातार गुलदार की टोह लेती रही तथा गुलदार के सक्रिय क्षेत्र पोषण, सुकौली, पपदेव, चांडाक, ढूंगा , मोस्टमानु, गोढिंया गांव में लगातार गश्त की तथा सोमवार की रात्रि को शूटर सैयद अली बिन हादी ने रात्रि में करीब 11:30 बजे मोस्टबानू के पास पिंजड़े के नजदीक सटीक निशाना लगाते हुए आदमखोर गुलदार से ग्रामवासियों को निजात दिलाई ।
गुलदार से निजात मिलने के बाद गांव में खुशी का माहौल है आज वन विभाग की टीम ने पिथौरागढ़ में 2 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम द्वारा गुलदार का पोस्टमार्टम कराया गया जिसके अनुसार वह 7 वर्ष की मादा गुलदार थी जिसके कैनईन दांत घिसे हुए पाए गए तथा दाहिने पंजे के नाखून क्षतिग्रस्त होने के चलते गुलदार शिकार करने में असमर्थ थी जिसके कारण वह आदमखोर हो गई थी ।




