वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण कोविड-19 का साया आईआईटी पाठ्यक्रम में भी पड़ा है अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय इसके मानदंडों में छूट देने पर विचार कर रहा है।
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रतियोगियों की चिंता को देखते हुए तथा कोरोना के चलते विभिन्न बोर्डों द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षा को आंशिक रूप से रद्द करने की वजह से इस साल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने प्रवेश मानदंडों में छूट देने का निर्णय किया है.
एचआरडी मंत्री निशंक ने इसको लेकर ट्वीट किया है. निशंक ने अपने ट्वीट में लिखा है कि आईआईटी में दाखिले के लिए जेईई एडवांस में पास होने होने के अलावा 12वीं बोर्ड की परीक्षा में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होते थे या फिर पात्रता परीक्षा में शीर्ष 20 पर्सेंटाइल में स्थान बनाना होता था.
निशंक ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “बोर्डो द्वारा 12वीं कक्षा की परीक्षा को आंशिक रूप से रद्द करने के मद्देनजर संयुक्त नामांकन बोर्ड (जेएबी) ने इस बार जेईई एडवांस 2020 पास छात्रों के लिए प्रवेश मानदंडों में छूट देने का फैसला किया है.
एक अन्य ट्वीट में निशंक ने लिखा, “ऐसे पात्र उम्मीदवार जिन्होंने 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की है, वे दाखिला लेने के पात्र होंगे और उन्हें मिले अंकों से कोई फर्क नहीं पड़ेगा.”
बता दें कि इससे पहले जानकारी सामने आई थी कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) जेईई एडवांस परीक्षा के सिलेबस को कम करने और प्रवेश परीक्षा फॉर्मेट को बदलने पर चर्चा करेगा. बता दें कि इस साल, आईआईटी दिल्ली जेईई एडवांस परीक्षा का आयोजन कर रहा है.