हाई टैक ड्रोन से होगी तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी के जलाशयों की मानिटरिंग।
हल्द्वानी
देश के कई राज्यों में एवियन इनफ्लूएन्जा (बर्ड फ्लू) के संक्रमण एवं इससे कई पक्षियों के मरने की खबर आ रही हैं।
तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी के अंतर्गत सितारगंज के बैगुल, ढौरा व नानक सागर तथा शारदा सागर जलाशय में सर्दी के मौसम में सैंकड़ों की संख्या में दूरस्थ क्षेत्रों से सैलानी पक्षी प्रवास करते है। इस क्षेत्र में देश विदेश से आने वाले सैलानी पक्षियों के प्रवास के कारण एवियन इनफ्लूएन्जा के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसकी गंभीरता को देखते हुए तराई पूर्वी वन प्रभाग, ने एक अनूठी पहल की गई है।
प्रभागीय वनाधिकारी, तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार के निर्देश के बाद अब ड्रोन के माध्यम से इन जलाशयों में प्रवासी पक्षियों की एवियन इनफ्लूएन्जा के लिए माॅनिटरिंग प्रति सप्ताह दो दिन की जायेगी। जिससे प्रवास पर आए इन पक्षियों की गतिविधियों को नजदीक से नजर रख कर उनके हावभाव एवं क्रियाकलापों पर नजर रखी जाएगी।
तथा ड्रोन के माध्यम से क्षेत्र की एरियल विडियोग्राफी व फोटोग्राफी कर सघन विश्लेषण किया जायेगा। इससे एवियन इनफ्लूएन्जा के किसी भी प्रकरण के संज्ञान में आने के उपरान्त रोकथाम हेतु त्वरित कार्यवाही की जा सकेगी। इसके अतिरिक्त तराई पूर्वी वन प्रभाग, हल्द्वानी के समस्त रेंजो के स्टाफ द्वारा सतर्कता बनाये रखते हुए अपने समीपस्थ पक्षी बाहुल्य क्षेत्रों में नियमित गस्त की जा रही है। हालाकि अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार एवियन इनफ्लूएन्जा (बर्ड फ्लू) का कोई भी मामला इस वन प्रभाग में प्रकाश में नहीं आया है।
वन विभाग ने समस्त स्थानीय जनता से अनुरोध है कि अगर कहीं पर भी मृत पक्षी पाये जाते हैं तो इसकी सूचना तुरन्त वन विभाग अथवा पशुपालन विभाग को दें तथा इन पक्षियों से दूरी बनाये रखें।