चमोली
पहाड़ों में हो रही लगातार बरसात के चलते वहां का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है तथा सड़कों पर मिलवाने के चलते कई राजमार्ग अवरुद्ध हो गए थे जिसमें
कर्णप्रयाग-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग लामबगड में बुधवार को सुबह 9ः12 बजे यातायात के लिए सुचारू कर लिया गया है। जबकि कर्णप्रयाग-ग्वालदम, कर्णप्रयाग-गैरसैंण, मण्डल-चोपता तथा जोशीमठ-मलारी मोटर मार्ग यातायात के लिए सुचारू है। वही जनपद में 11 ग्रामीण मोटर मार्ग बारीश के कारण मलवा आने से अवरूद्व हुए है जिन्हें यातायात के लिए सुचारू करने की कार्यवाही जारी है।
बुधवार को तहसील चमोली में 22.4 मिमी, जोशीमठ में 7.0 मिमी, कर्णप्रयाग में शून्य मिमी, पोखरी में 3.00 मिमी, थराली में शून्य मिमी, तथा घाट मंे 3.00 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई। जिले की प्रमुख नदियों में अलकनन्दा नदी का जल स्तर खतरे के निशान 957.42 मी0 के सापेक्ष 953.60 मी0, नन्दाकिनी नदी का जल स्तर खतरे के निशान 871.50 मी0 के सापेक्ष 868.12 मी0 तथा पिण्डर नदी का जल स्तर खतरे के निशान 773.00 मी0 के सापेक्ष 768.78 मी0 के स्तर पर बह रही हैं। ये सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही है। तहसील थराली के तीन तथा तहसील कर्णप्रयाग के एक गांव में पेयजल आपूर्ति बाधित है जिसको ठीक करने का कार्य जारी है। तहसील थराली एवं घाट में ओएफसी कटने के कारण दूरसंचार सेवा बाधित है। जनपद में विद्युत व्यवस्था सुचारू बनी हुई है।
तहसील थराली के अन्तर्गत सोमवार देर रात्रि को हुई अतिवृष्टि के कारण सगवाड गांव में दो गौशाला क्षतिग्रस्त हुई। जिसमें 2 भैंस, 2 बैल, 1 गाय, 1 बछिया तथा 20 बकरियां मलवे में बह गई। जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम द्वारा मौका मुआयना कर क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों का आंकलन किया जा चुका है।