उत्तराखंड 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की रहेगी दमदार दस्तक
काशीपुर (सोनू)
– उत्तराखंड के आगामी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में इस बार आम आदमी पार्टी दमदार दस्तक देगी। आम आदमी पार्टी ने आज विधिवत उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभाओं में अपने प्रत्याशी खड़े करने की घोषणा कर दी है। जिसके बाद काशीपुर आम आदमी पार्टी कार्यालय में एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।
काशीपुर विधानसभा प्रभारी मयंक शर्मा द्वारा पार्टी कार्यालय में एक प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया गया कि आज सुबह पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जूम एप पर उत्तराखंड के नेताओं के साथ हुई बातचीत में कहा कि सभी पार्टी नेता अब 2022 के चुनावों के लिए तैयारी शुरू कर दें। मयंक शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की इस विधिवत घोषणा से हर्ष की लहर दौड़ गई है। वहीं उत्तराखंड की जनता की इच्छा के अनुरूप यह निर्णय लिया गया कि उत्तराखंड में पार्टी स्तर एक सर्वे कराया गया। सर्वे का मुख्य बिंदु यह था कि क्या आम आदमी पार्टी एक विकल्प के रूप में उत्तराखंड में आ सकती है। पार्टी के इस इंटरनल सर्वे में 62 प्रतिशत लोगों ने आम आदमी पार्टी को विकल्प के रूप में में चुना है। मयंक शर्मा ने कहा कि कि सर्वे के इस अप्रत्याशित परिणाम से अब पार्टी ने उत्तराखंड की जनभावनाओं के अनुरूप चुनाव में भाग लेने का फैसला किया है। चुनाव में जाने से पहले पार्टी मूलभूत तीन समस्याओं में बेरोजगारी की वजह से पलायन पर पार्टी ने एक समाधान तय किया है। केन्द्रीय नेतृत्व ने इस समस्या पर बारीकी से अध्ययन किया है। स्थानीय स्तर पर रोजगार का खाका तैयार कर लिया गया है। शिक्षा व्यवस्था में सुधार के ढांचागत सुविधाओं को दुरुस्त करना भी पार्टी का मुख्य एजेंडा में शामिल है। तीसरा राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी सुधार की आवश्यकता है। केन्द्रीय नेतृत्व ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए एक मजबूत योजना तैयार है। मयंक शर्मा ने कहा कि 62 प्रतिशत जनता की आशाओं के अनुरूप आगामी चुनावों में पार्टी एक अप्रत्याशित परिणाम देने जा रही है। उन्होंने कहा कि यह नेताओं से ज्यादा आम आदमी की पार्टी है। उन्होंने कहा कि जिस तरह दिल्ली में तमाम राजनीतिक विश्लेषकों को नकारते हुए आम आदमी पार्टी ने सरकार बनायी वही इतिहास उत्तराखंड में भी दोहराये जाने की आशा है।