हल्द्वानी।
उत्तराखंड सरकार ने आगामी दो नवंबर से 10वीं और 12वीं की कक्षाओं के संचालन का आदेश दिया है, लेकिन हल्द्वानी के प्राइवेट स्कूल दो नवंबर से नहीं खुलेंगे। स्कूलों ने इसका कारण एसओपी देर से मिलने और अभिभावकों की तरफ से सहमति न मिल पाना बताया। बीते दिनों शिक्षा विभाग ने शहर के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों की बैठक बुलाई थी जिसमें दो नवम्बर से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई शुरू कराने और कोरोना से बचाव के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई।
गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल में शुक्रवार को पीएसए की अगुवाई में प्राइवेट स्कूलों की बैठक हुई। स्कूलों ने कहा कि अधिकांश अभिभावकों ने अब तक सहमति नहीं दी है। शिक्षा विभाग द्वारा एसओपी 26 अक्टूबर को दी गयी है, ऐसे में स्कूल खुलने से पहले की कोई तैयारी ही नहीं की गई है।
इसके साथ ही एसओपी के अनुसार तैयारी करने के लिए समय चाहिए। विद्यालयों के उपस्थित सदस्यों ने अभी मुख्य शिक्षा अधिकारी को आवेदन भेजकर कुछ और समय देने की मांग की है। स्कूल संचालकों का मानना है कि एसओपी का पालन करने में जो भी खर्च आएगा, उसका वहन कौन करेगा। एसओपी में स्कूलों के खिलाफ महामारी एक्ट लगाने की बात की गई है, जिससे सभी स्कूल डरे हुए हैं। साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाएं एकसाथ चलाने पर विचार करने की जरूरत बताई। सदस्यों ने यह भी तय किया कि स्कूल बस नहीं चलाई जाएंगी और अभिभावक स्वयं ही बच्चों को छोड़ेंगे।
इधर, प्रशासन और शिक्षा विभाग बृहस्पतिवार को ही बैठक कर पब्लिक स्कूलों को कह चुका है कि दो नवंबर से हर हाल में स्कूल खोलने होंगे। सभी स्कूल दो नवंबर से विद्यालय खोलने में असमर्थ हैं, क्योंकि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में स्कूल चला पाना संभव नहीं है। कोरोना से बचाव के लिए व्यवस्थाएं करने पर आने वाले खर्च को हम बच्चों से चार्ज कर सकें, ऐसा आदेश शासन को करना चाहिए।




