उत्तराखण्ड

प्रदेश में पहुंची प्रवासियों की संख्या 3 लाख 27 हजार : रोजगार के किए जाएंगे प्रयास कौशिक, रोजगार प्रदान करने के लिए चलाया जायेगा विशेष अभियान ।



देहरादून,

शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने सचिवालय मीडिया सेंटर में मध्यमान 12 बजे विभिन्न मुद्दों पर प्रेस वार्ता की। प्रदेश के शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के विषय मे प्रेस वार्ता मे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कोविड के प्रभाव से आने वाले प्रवासियों और उत्तराखण्ड राज्य निवासियों को रोजगार देने के लिए एक अम्ब्रेला के नीचे सभी विभागों की रोजगार परक योजना को अधिक आकर्षक और सुविधायुक्त बनाकर लाया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी सुविधा और कौशल के अनुसार व्यवसाय चयन करने का रोजगार प्रदान करने का अवसर दिया गया है। अभी तक कुल प्रवासियों की संख्या 3 लाख 27 हजार है, यह संख्या और भी अधिक हो सकती है। सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि जनपद में प्रवासियों के लिए उपयुक्त स्वरोजगार प्रदान करने के लिए जिला उद्योग केन्द्र द्वारा काउंसलिंग की ली जाय और

रोजगार प्रदान करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाये। विभिन्न व्यवसायों में विनिर्माण के क्षेत्र में 10 लाख से 25 लाख तक का ऋण 15, 20 और 25 प्रतिशत की सब्सिडी की व्यवस्था की गई है। अभी तक कुल 15109 आवेदन प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में एम.एस.एम.ई. विभाग में 15109 आवेदन में से अल्मोड़ा 1360, बागेश्वर 517, चमोली 847, चम्पावत 478, देहरादून 2682, हरिद्वार 1145, नैनीताल 1876, पौड़ी गढ़वाल 1278, पिथौरागढ़ 570, रूद्रप्रयाग 493, टिहरी गढ़वाल 1361, ऊधमसिंह नगर 1625, उत्तरकाशी 877 प्राप्त हुए हैं। स्वरोजगार देने के लिए बने होप पोर्टल पर कुल 17653 युवा पंजीकृत हुए हैं। अल्मोड़ा 1574, बागेश्वर 517, चमोली 429, चम्पावत 674, देहरादून 3777, हरिद्वार 688, नैनीताल 1390, पौड़ी गढ़वाल 1616, पिथौरागढ़ 353, रूद्रप्रयाग 2365, टिहरी गढ़वाल 1818, ऊधमसिंह नगर 2066, उत्तरकाशी 388 युवा पंजीकृत हैं। पोर्टल पर 51 नियोजकों द्वारा 966 रिक्तियाँ स्वास्थ्य, आई.टी. और तकनीशियन क्षेत्र में अपलोड की गई हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना डेयरी विभाग में पशुपाल, मत्स्य, डेयरी तथा सहकारिता के विकास हेतु राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना में एकीकृत कृषि सहकारिता परियोजना वित्तपोषित करते हुए डेयरी के 442.62 करोड़ रु0 स्वीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत सहकारिता विभाग के द्वारा मोटर साईकिल, टैक्सी योजना संचालित की गयी है। प्रमुख पर्यटक स्थलों में पर्यटकों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए लाभार्थियों को 60 हजार रु0 से 1 लाख 25 हजार तक का ऋण 2 वर्ष के ब्याज मुक्त शर्त के साथ प्रदान किया जायेगा। उद्यान विभाग के अन्तर्गत कृषकों एवं प्रवासियों हेतु विशेष योजना के अन्तर्गत मुख्यमंत्री एकीकृत बागवानी विकास योजना में सब्जी, आलू और मशाल, बीज, फल-पौध, पुष्प बीज के लिए 50 प्रतिशत अनुदान, कीटनाशक रसायन के लिए 60 प्रतिशत, कूल हाउस के लिए 50 प्रतिशत, रेफ्रिजरेटेड वैन 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त छोटी पौधशाला, अखरोट नर्सरी स्थापना 50 प्रतिशत अनुदान, मशरूम उत्पादन एवं विपणन योजना में 50 प्रतिशत अनुदान, मौन पालन में 50 प्रतिशत, उद्यान की घेरबाड़ी मंे 50 प्रतिशत, वर्मी कम्पोस्ट ईकाई में 75 प्रतिशत, उत्तर फसल प्रबन्धन में 50 प्रतिशत, मिशन एप्पल में 80 प्रतिशत अनुदान की व्यवस्था है। कोरोना काल में उपजे आर्थिक संकट से उबारने के लिए फेरी व्यवसायियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पी.एम. स्ट्रीट वेंडर्स आत्म निर्भर निधि योजना को लाया गया है। पात्र पथ विक्रेताओं को 10 हजार रु0 कार्यशील पूंजी ब्याज अनुदान आधारित आसान ऋण पर उपलब्ध करायी जायेगी। यह नियमित धन वापसी पर आधारित है और डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करती है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू करने के बाद राज्य के विकास पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इस प्रभाव के अन्तर्गत नवीन सेवा, व्यवसाय तथा सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना कर ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों मंे रोजगार के अवसरों का सृजन होगा, युवा उद्यमियों, कुशल व अकुशल दस्तकारों, हस्तशिल्पियों तथा शिक्षित शहरी व ग्रामीण बेरोजगारों को यथासम्भव उनके आवासीय स्थल के पास रोजगार के अवसर प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त इस योजना से पर्वतीय व ग्रामीण क्षेत्रों से नौकरी की खोज में होने वाले पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।

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