उत्तराखण्ड

प्रदेश के सबसे बड़े गोवंशीय पालन केंद्र के प्रबंधक की मार्मिक अपील, एक हजार से अधिक पशुओं के चारे की सता रही है चिंता।इस तरह से कर सकते हैं दान।

हल्द्वानी,

जब से पूरे देश में कोरोना कोविड-19 के चलते लॉक डाउन हुआ है तब से निशब्द धारी गोवंशीय पशुओं के सामने चारे की समस्या आ खड़ी हुई है इस विषम परिस्थितियों में गौरक्षा धाम के प्रबंधक सहित उसमें निस्वार्थ होकर काम कर रहे लोगों के माथे पर चिंता की लकीर दिखनी प्रारंभ हो गई है।
एक हजार से ज्यादा गौवंशीय पशुओं का जीवन खतरे में देखते हुए प्रबंधक रामेश्वर दास ने गोवंश को बचाने की अपील करते हुए जनसामान्य से मदद की गुहार लगाई है।आज जब परिवार का एक व्यक्ति दुधारू गाय को पालने में बेबस और लाचार हो जाता है उससे हटकर गौधाम में 1000 से अधिक गोवंश को एक ही छत के नीचे पालना किसी चुनौती से कम नहीं है।दुर्बल एवं बीमार पशुओं को बचाना एक मिशन मानते हुए रामेश्वर दास जी कहते हैं समाज के लोगों द्वारा बढ़ाया जा रहे हौसले एवं उनके द्वारा की जा रही सहायता से ही यह सब संपन्न हो पा रहा है या मुहिम आगे भी जारी रहे इससे सभी लोगों को आगे आना होगा।


हरे कृष्णा आश्रम हल्दूचौड़ में 1000 से ज्यादा निराश्रित बीमार घायल गोवंश की देखरेख के लिए बना गौरक्षा धाम आज संकट के साए में सांसे ले रहा है गोधाम में काम कर रहे सेवक कार्यकर्ता और यहां के प्रबंधक सभी को एक अजीब सी चिंता में डाल रखा है इन सब का कहना है कि हमारे खून का एक एक कतरा गोधाम के काम आ जाए हमें मंजूर है लेकिन भूखमरी के चलते किसी गोवंश की असमय मौत हो जाती है तो यह सदमा उनसे सहन नहीं होगा आश्रम के प्रबंधक स्वामी रामेश्वर दास जी ने क्षेत्र वासियों से अपील कर कहा कि संकट की इस घड़ी में वे लाचार बेबस और असहाय गोवंश की रक्षा करें भगवान उन्हें आरोग्य और सुख सौभाग्य प्रदान करेगा वह कहते हैं कि बालपन में गौवंश की दुर्दशा देखी तो मन व्याकुल हो गया अंतरचेतना से संकल्प जागा कि अब जीवन को गौवंश की सेवा में अर्पित करना है तमाम झंझावात आए कठिन चुनौतियों का सामना किया मगर कदम नही डिगे ।

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इस तरह से दे सकते हैं दान

प्रिय गौ भक्त वृंद
हरे कृष्ण
श्रील नित्यानन्द पाद आश्रम (गौधाम हल्दूचौड ) आपके द्वारा गौ सेवा हेतु दिये सहयोग के लिए आपका धन्यवाद करता है । आज पुनः आपसे इस लौकडाउन की विषम परिस्थितियों में गोवंश के भरण-पोषण में हो रही कमी के लिए सहयोग चाहता है ।
इसलिए आपसे इस आशा के साथ प्रार्थना करते हैं कि आप गौसेवा हेतु यथासंभव सहयोग कर गौवंश संरक्षण में महत्त्वपूर्ण योगदान दें . गौसेवा धन राशि आप गूगल पे एवं पेटीएम या ट्रांसफर व NEFT या RTGS के माध्यम से हमारे बैंक खाते में भेज सकते हैं । धन्यवाद
पेटीएम नम्बर 9719560383
गूगल पे नंबर 8958331588
अकाउंट नाम श्रील नित्यानंद पद आश्रम
बैंक अकाउंट नंबर 36063334900
स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया IFSC SBIN0015152. ।

परमा हल्दूचौड़ स्थित हरे कृष्ण आश्रम गौरक्षा धाम के व्यवस्थापक रामेश्वर दास का गौरक्षा धाम आज उत्तराखंड के सबसे बड़े गौवंशपालन का आस्था तीर्थ माना जाना है जहाँ का पग पग हरे कृष्ण महामंत्र की गूंज के बीच गौसेवा की विराट साधना से सराबोर तो होता ही है वहीं रामेश्वर दास के संकल्प से सिद्धि तक के सफर का भी गवाह बना है ।
बचपन से ही अध्यात्म में गहरी रुचि रखने वाले रामेश्वर दास ने अपनी पूरी जमीन करीब दो एकड़ हरे कृष्ण आश्रम की स्थापना के लिए दान कर दी 25 दिसंबर 1999 रविवार के दिन आश्रम की आधार शिला रखी गई नित्य हरीनाम संकीर्तन तथा सन्मार्ग की ओर लोगों को प्रेरित करने के अलावा निर्धन व बेसहारा लोगों को आश्रय देने का कार्य निरंतर किया गया गरीब बच्चों की शिक्षा तथा निर्धन बेटियों का विवाह कराने जैसे पुनीत कार्यों ने आश्रम को विशेष पहचान दिलाई ।

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कालांतर में स्थानीय के अलावा दूर दराज के लोगों का भी आने का सिलसिला शुरु हुआ । व्रतशील जीवन जी रहे रामेश्वर दास के जीवन में गौसेवा के संकल्प की शुरुआत 29 मार्च 2006 से हुई वध को ले जा रहे 4 बैलों को लालकुआं पुलिस ने बचाया था जिन्हें रामेश्वर दास आश्रम ले आए तथा घास फूस का छ्प्पर बनाकर गौवंश की सेवा की देखते ही देखते समाज के सहयोग से घास फूस का छप्पर एक वृहद गौधाम में तब्दील हो गया और बेसहारा गौवंश की संख्या हजार का आंकड़ा पार कर गई गौवंश की लगातार बढ़ती संख्या को देखते आश्रम से करीब 200 मीटर की दूरी पर दो एकड़ जमीन की व्यवस्था कर एक अन्य गौधाम बनाया गया बीमार गौवंश की देखरेख के लिए 9 मार्च 2015 में गौमाता अस्पताल की स्थापना की गई वर्तमान में एक हजार से ज्यादा गौवंशीय पशुओं की सेवा की जा रही है 50 पूर्णकालिक स्वयंसेवक झ्स महान कार्य में हाथ बंटा रहे हैँ गौवंश पालन के रखरखाव एवं स्वंसेवकों की व्यवस्था समाज के सहयोग से चल रही है प्रत्येक वर्ष मनाया जाने वाला जन्माष्टमी पर्व यहाँ धूमधाम से मनाया जाता है इसमें उत्तराखंड के अलावा अन्य प्रांतों के लोग भी शामिल होते है ,गौवंश के संरक्षण का संदेश देती गौवर्धन पूजा का यहां विशेष महत्व है गत वर्ष से यहां रामनवमी पर्व धूमधाम से मनाने की शुरुआत की जा चुकी है संकल्प से सिद्धि तक का सफर तय कर चुके रामेश्वर दास का कहना है कि आज भी देश व दुनिया में बड़े पैमाने पर गौवंश कत्ल हो रहे है तथा ग्लोबल वार्मिग इसी का नतीजा है जिसे विज्ञान ने स्वीकार किया है उन्होंने कहा कि गौवंश की सेवा एवं संरक्षण से शारीरिक एवं प्राकृतिक आपदाओं को रोका जा सकता है गौवंश की सेवा करने से पितरों को खुशी मिलती है तथा परिवार में सुख शांति ऐश्वर्य व मंगल की प्राप्ति होती है उन्होंने कहा कि समाज के दानवीरों के माध्यम से इतने बड़े गोधाम की व्यवस्था निर्बाध रूप से चल रही थी लेकिन अब लाक डाउन के चलते गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है उन्होंने कहा कि भूसा चारा इत्यादि क्रय करना बेहद मुश्किल हो गया है आर्थिक संसाधनों का भी अभाव है हम अपना तथा स्वयंसेवकों को तो एक समय उपवास में रहकर भी जीवन यापन कर सकते हैं लेकिन बेजुबान जानवरों का दुख सहा नहीं जा रहा उन्होंने बेहद मार्मिक अपील करता है कि विपत्ति के इस कठिन दौर में गोवंश धाम की हिफाजत करने के लिए आगे आएं तथा पुण्य के भागी बने।

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