देहरादून
विभिन्न प्रकार की औषधीय संरक्षण के लिए एचआरडी आई गोपेश्वर ने इंडोर औषधियों उद्यान की स्थापना की है जिसके तहत विलुप्त हो रही जड़ी बूटियों के साथ संस्थान ने दैनिक प्रयोग में आने वाली जड़ी बूटियों का भी संग्रह अपने इंडोर औषधीय उद्यान में किया है

उक्त जानकारी देते हुए हर्बल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट गोपेश्वर के निदेशक डॉक्टर चंद्रशेखर सनवाल ने बताया कि जड़ी बूटियों का संग्रह आज जरूरत बनता जा रहा है तथा लोगों का रुझान इसके प्रति बहुत संजीदा हो गया है तथा लोग अपने भवनों के अनुसार घर में ही हर्बल गार्डन बनाकर जड़ी बूटियों को उगा सकते हैं उन्होंने कहा कि चाहे घर बड़ा हो या छोटा,जगह बंद हो या खुली हर्बल गार्डन को हर जगह पौधे तैयार कर विकसित किया जा सकता है ।उन्होंने कहा कि इंडोर हर्बल गार्डन के अनेक फायदे हैं ।

इससे घर की हवा शुद्ध रहती है तथा साल भर अच्छी जड़ी बूटियां तथा हरियाली एवं घर मे खुशहाली रहती है।श्री सनवाल कहते हैं जड़ी बूटियां कहीं भी लगाई जा सकती हैं टेबल पर,खिड़की पर लटका कर, तथा लटकते हुए गमलों में या फिर पुराने टब में जहां भी हो जड़ी बूटियां उगाकर घर की शोभा बढ़ाई जा सकती है।इसके अलावा हैंगिंग प्लांट,वर्टिकल प्लांटर्स, पौंग बोर्ड हर्बल गार्डन, विंडो सिल गार्डन,मैंसोंजर प्लांटर्स, upside-down प्लांटर्स आदि हैं जिसमें पौध रोपित कर किसी भी मौसम में इन्हें कहीं पर भी रखा जा सकता है जिससे घर की सुंदरता बढ़ती है तथा भवनों में शुद्ध वातावरण हमेशा बना रहता है।श्री सनवाल ने बताया कि एचआरडीआई ने इस इंडोर हर्बल गार्डन में विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियों जिसमें तुलसी, अल्लियम, कैमोमाइल, लैवेंडर, मरजोरम, टकसाल, अजवायन, तगर,रोज़मेरी, सुगंधित जेरियम, थाइम के अलावा तुलसी, कैमोमाइल, दौनी, और लेमनग्रास आदि जड़ी बूटियों का संग्रह किया है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस गार्डन को पर्यटकों की आवाजाही के लिए भी खोला जाएगा जिससे पर्यटक उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियां एवं जड़ी बूटियों का अवलोकन कर सकेंगे।





