किसान सिर्फ अन्नदाता ही नहीं बल्कि देश का पालक है-बेबी रानी मौर्य
पंतनगर।
विश्व विद्यालय में 109वें अखिल भारतीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी का आज गांधी मैदान में महामहिम राज्यपाल, उत्तराखण्ड, श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति, डा. तेज प्रताप; स्थानीय विधायक, राजेश शुक्ला; निदेशक प्रसार शिक्षा, डा. अनिल कुमार शर्मा; निदेशक संचार, डा. एस.के. बंसल; के अतिरिक्त अन्य अतिथि एवं वैज्ञानिक उपस्थित थे। कुलपति, डा. तेज प्रताप द्वारा महामहिम राज्यपाल, श्रीमती बेबी रानी मौर्य को मेले में लगी उद्यान प्रदर्शनी एवं विश्वविद्यालय के स्टालों का अवलोकन कराया गया। इसके बाद कुलपति ने अतिथियों को खुली जीप में बैठाकर मेला प्रांगण का भ्रमण कराया। मुख्य उद्घाटन समारोह गांधी हाल सभागार में आयोजित किया गया।

मुख्य अतिथि महामहिम राज्यपाल, श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा कृषक, हमारा अन्नदाता है और 80 प्रतिशत कृषक गांव में बसते हैं, जिनकी वजह से भारत अग्रणी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किये जाने वाले किसान मेले में नई तकनीकों एवं नई जानकारियों की प्रदर्शनी लगायी जाती है जो किसानों के फायदेमंद साबित होती रही है। उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड का किसान अब जागरूक हो रहा है और बाजार के मांग के अनुरूप फसलों का उत्पादन कर उसे संरक्षित करके आवश्यकता के अनुरूप विक्रय कर रहा है। श्रीमती मौर्य ने कहा कि किसानों को उनके उत्पाद का अच्छा मूल्य मिले इसके लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयास सराहनीय है तथा इनका लाभ कृषकों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी ने हमें अहसास दिलाया कि वास्तव में जमीन का असली हकदार देश का अन्नदाता है। देश का किसान सिर्फ अन्नदाता ही नहीं बल्कि देश का पालक है जो सभी के आहार की व्यवस्था करता है। श्रीमती मौर्य ने अह्वाहन किया कि उत्तराखण्ड की महिलाओं को औषधीय खेती के प्रति जागरूक किया जाये, ताकि उत्तराखण्ड से हो रहे पलायन कम किया जा सकें। इसके साथ ही साथ उन्होंने वर्षा जल संरक्षण, जलस्रोतों को सुरक्षित रखने, जैविक खेती एवं पशुपालन करने पर बल दिया।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डा. तेज प्रताप ने कहा कि कृषि कुम्भ नाम से विख्यात किसान मेला कृषकों के लिए तकनीकी हस्तांतरण, शोध एवं जानकारियों हेतु मंच प्रदान करता है।

उन्होंने बताया कि किसान मेले में वैज्ञानिकों द्वारा किये गये अनुसंधान, कृषि निवेष, बीज, खाद इत्यादि से संबंधित जानकारियां किसानों दी जा रही है जिनका किसान अपने खेतों में उपयोग कर अपनी आय दोगुनी कर सकते है। डा. प्रताप ने कृषक संवाद कार्यक्रम के तहत कृषि कानून के बारे में संक्षिप्त में बताया तथा किसानों से सीधे संवाद कर किसानों की राय भी ली।
विधायक एवं प्रबंध परिषद के सदस्य, श्री राजेश शुक्ला एवं पुष्कर सिंह धामी ने भी अपने विचार प्रकट किये और कहा कि किसान अपनी आवश्यकता एवं रूचि के अनुरूप कृषि के विभिन्न आयामों जैसे पुष्पोत्पादन, फलोत्पादन, मषरूम उत्पादन, मुर्गी पालन, पशुपालन एवं मत्स्यपालन इत्यादि को अपनाकर अतिरिक्त लाभ अर्जित कर सकते है।
