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पंतनगर में आयोजित हुआ वन्य जीव प्रबंधन व्याख्यान, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी उत्तराखंड सरकार डॉ योगेश भारद्वाज ने छात्रों को वन्यजीव के सामने आने वाली चुनौतियों के निराकरण को दिए टिप्स,

पंतनगर में आईडीपी के अन्तर्गत वन्य जीव प्रबंधन पर व्याख्यान

पंतनगर। 
 पंतनगर विश्वविद्यालय में चल रही राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना (एनएएचईपी) की संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) के तहत आयोजित कौशल विकास प्रयासों की श्रृंखला में पंतनगर सेन्टर भवन में वन्य जीव प्रबंधन पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यानकर्ता विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और वर्तमान में उत्तराखंड सरकार के उप-मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, डा. योगेश भारद्वाज थे। व्याख्यान के बाद डा. भारद्वाज ने विचार-विमर्श के दौरान विद्यार्थियों को वन्य जीवों के प्रबंधन के सभी पहलुओं के बारे में बताया। उन्होंने पशुओं के बचाव केंद्र, नसबंदी केंद्र, इन-सीटू और पूर्व-सीटू सेटिंग्स के रूप में विभिन्न कार्य स्थलों में एक वन्य जीव पशु चिकित्सक के कार्य, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के पहलुओं को बहुत दिलचस्प तरीके से बताया। एक वन्य जीव उत्साही होने के नाते उन्होंने प्रतिभागियों को वन्य जीवों के सामने आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए अपनी व्यक्तिगत अंतःदृष्टि का प्रयोग करने को कहा तथा अपने अनुभवों को भी साझा किया। डा. भारद्वाज ने जंगल में जंगली बिल्लियों के बचाव अभियान के दौरान उपयोग किये जाने वाले पोर्टेबल उपकरणों और उपकरणों को उपयोग करते समय प्रयोग की जाने वाली सावधानियों के बारे में प्रदर्षन करके बताया। परियोजना अधिकारी डा. एस.के. कश्यप ने कहा कि इस परियोजना का महत्वपूर्ण उद्देश्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के बीच अभिनव सोच को बढ़ावा देने और सीखने के अनुभव पैदा करना है। नोडल अधिकारी अकादमिक डा. एस.के. गुरु ने प्रतिभागियों को कहा कि इस तरह के आयोजनों से विद्यार्थियों को भविष्य में विभिन्न अवसरों का पता लगाने में मदद मिलेगी। पशुधन प्रबंधन विभाग के प्राध्यापक डा. एस.के. शर्मा ने कहा कि व्याख्यान का उद्देश्य विद्यार्थियों को जंगली जानवरों के स्वभाव और प्रबंधन के पहलुओं को समझने में मदद देना था। 

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