अभी कल ही वरिष्ठ पत्रकार डॉ. मेहरुद्दीन खाँ साहब के निधन की खबर मिली थी और आज एक अन्य पत्रकार मित्र के असामयिक देहावसान का हृदय-विदारक समाचार पाकर बहुत दुःख हुआ।
उत्तराखंड प्रदेश, प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया और पत्रकार बिरादरी ने आज एक सच्चे मित्र, वरिष्ठ पत्रकार और जनसरोकारों के लिए निरंतर संघर्षशील रहे एक प्रसिद्ध कार्यकर्ता को खो दिया है।
अवतार नेगी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी ‘BHASHA’ में कई दशकों तक एक वरिष्ठ पत्रकार के रूप में सेवा करके सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली में ही रहते थे।
उन्हें दो दिन पहले सीने में दर्द और अकड़न की शिकायत के बाद दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आज 29 जनवरी की प्रातः 3 बजे अंतिम सांस ली। हमने नेगी के बारे में पहले कभी किसी कार्डियक जटिलता से पीड़ित होने के बारे में नहीं सुना था।
नेगी जी एक प्रगतिशील पत्रकार थे जिन्होंने कभी भी लोकतांत्रिक मूल्यों और धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं किया। उनका सदैव जनहित के मुद्दों पर स्पष्ट रुख रहता था। अवतार भाई अपनी युवावस्था के दौरान भाकपा से जुड़े और फिर कभी वामपंथी झुकाव से विचलित नहीं हुए। वे देश में मुख्यधारा की पत्रकारिता में शामिल हुए और लंबे समय तक जर्मन रेडियो के साथ-साथ पीटीआइ-भाषा और दूरदर्शन के समाचार अनुभाग में सेवा की। वे प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया के पदाधिकारी भी रहे थे और इसकी प्रबंधन समिति के चुनावों में सक्रिय रहते थे।
उत्तराखंड पत्रकार परिषद के संस्थापक अवतार नेगी ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और पृथक राज्य बनने के बाद भी इसकी उन्नति के विभिन्न मुद्दों से सदैव जुड़े रहे। वे गैरसैंण को उत्तराखंड की स्थायी राजधानी बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
अभी एक पखवाड़ा पहले 12 जनवरी को उत्तराखंड में नेपाल सीमा पर बनने जा रहे पंचेश्वर बांध और उससे जुड़े जन-सरोकारों को लेकर अवतार भाई से फोन पर लंबी बातचीत हुई थी। तब कौन कह सकता था कि उनकी आवाज अब आगे सुनाई नहीं देगी। परममित्र अवतार नेगी का यों अकस्मात अनंत की यात्रा पर चले जाने से मेरी अपनी अपूरणीय हानि हुई है।
अवतार नेगी के असामयिक निधन से उत्तराखंड और पत्रकार बिरादरी में बहुत बड़ी कमी आई है जिसे भरना बहुत मुश्किल है।
विश्वात्मा प्रभु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।
श्याम सिंह रावत की फेसबुक वॉल से साभार !




