उत्तराखण्ड

(ज्ञानवर्धक मूवी) शिक्षक मण्डल की पहल,भारत एक खोज से लेकर द रेड बैलून मूवी का बच्चों ने उठाया लुफ्त, बच्चों ने देखीं कालजयी फिल्में ।

शिक्षक मण्डल की पहल पर बच्चों ने देखीं कालजयी फिल्में

रामनगर
रचनात्मक शिक्षक मण्डल की पहल पर बच्चों को दिखाई जा रही देश दुनिया की कालजयी फिल्मों के क्रम में आज पुराना हाथीखाना मोहल्ला के बच्चों को फिल्में दिखाईं गयीं। फ़िल्म दिखाने के साथ साथ कार्यक्रम संयोजक नवेंदु मठपाल द्वारा बच्चों को फिल्मों में आवाज व दृश्य संयोजन के बारे में भी बताया गया।कार्यक्रम की शुरुआत जावेद अख्तर द्वारा बच्चों के लिए लिखे गए गीतों की एनिमेटेड फिल्मों से हुई।बच्चों ने ,”हाथों में हाथ लेकर,आओ हम गायें मिलकर”,” चूं चूं चूँ चूँ गाती चिड़िया,सबको रोज जगाती चिड़िया”,”एक था कव्वा” जैसे अनेक गीतों को सुना और गया भी।बच्चों ने कैनेडियन फ़िल्म अ चेयरि टेल देखी।तीस मिनट की इस फ़िल्म में कुर्सी की कहानी है,जिसमें दिखाया गया है कि कुर्सी कैसे एक व्यक्ति को अनेक कोशिशों के बाद भी अपने ऊपर बिल्कुल नही बैठने देती पर जब वह व्यक्ति कुर्सी के आगे नतमस्तक हो जाता है तो कुर्सी खुशी खुशी उसे अपने ऊपर बैठने देती है।बच्चों ने माइकेल पेज़िन निर्देशित फिल्म द रेड बैलून का भी लुत्फ उठाया।ऑस्कर पुरस्कार से नवाजी गयी यह फ़िल्म एक ऐसे बच्चे की कहानी है जिसके पास एक लाल रंग का गुब्बारा है।फ़िल्म में न बच्चा गुब्बारे को छोड़ता है न गुब्बारा बच्चे को।फ़िल्म में एक बच्चे के बाल मनोविज्ञान को बहुत ही बेहतरीन तरीके से समझाया गया है।बच्चों ने जवाहरलाल नेहरू लिखित पुस्तक भारत एक खोज के दूरदर्शन द्वारा बनाये गए एपिसोड को देखा।
श्याम बेनेगल द्वारा निर्देशित भारत एक खोज के इस एपिसोड में नेहरू भारत माता की जय नारे को बहुत ही बेहतरीन तरीके से व्याख्यायित करते हैं।वे जनता से पूछते हुए कहते हैं कौन है भारत माता,किसकी जय चाहते हैं आप।नेहरू कहते है ये धरती,नदियां पहाड़ ,खेत,घने जंगल,आसमान तो भारत माता है ही पर मेरे वह तुम्हारे बिना ये सब बेमतलब हैं,सबसे अहम है भारत की सरजमीं पर फैली अवाम।भारत के लोग,दरअसल अपने करोड़ों बेटे बेटियों से ही भारत माँ की पहचान है इसलिए उसकी जीत होगी आप सभी की जीत से।यानि देखा जाय तो आप सभी भारतमाता हैं।कार्यक्रम संयोजक नवेंदु मठपाल ने बताया कि बच्चों को देश दुनिया की बेहतरीन फिल्में दिखाने का यह क्रम कोविड के नियमों का पूर्णतया पालन करते हुए लगातार जारी रहेगा । इससे पहले पुछड़ी में भी शिक्षक मण्डल द्वारा ख़ोले गए पुस्तकालय में स्थानीय बच्चों ने फिल्मों का लुत्फ लिया।

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