उत्तराखण्ड

जश्न ए बचपन–: 7 अंतरिक्ष से लेकर पेंटिंग की दुनिया में खोए रहे बच्चे।

रामनगर

रचनात्मकता के कारवाँ में एक कदम और बढ़ते हुए, कल 21 जून रविवार के दिन “जश्न ए बचपन” में बच्चों ने कलम से कलाकारी करना तो सीखा ही, साथ ही अंतरिक्ष यात्रा भी करी। उल्लेखनीय है कि कल “जश्न ए बचपन” में पेंटिंग का दिन था, जिसका दिशा निर्देशन पेंटिंग एक्सपर्ट सुरेश लाल ने किया। संयोग से कल एक खगोलीय घटना, साल का पहला सूर्य ग्रहण भी था। पूरे दिन भर बागेश्वर से शैलेंद्र धपोला जी, बच्चों को सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी देते रहे।


दिन की शुरुआत ही अंतरिक्ष यात्रा से हुई। सूर्य ग्रहण के बारे में जानकारी देते हुए शैलेंद्र धपोला जी ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें हरियाणा से इस साल के पहले सूर्य ग्रहण का लाइव प्रसारण दिखाया जा रहा था। पेंटिंग के दिन की शुरुआत करते हुए पेंटिंग एक्सपर्ट सुरेश लाल कहते हैं कि – “ग्रुप के सभी साथियो को मेरा नमस्कार ! आज पेंटिंग दिवस तो है ही साथ ही आप भी जान गए होंगे की आज सूर्यग्रहण के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय योग और संगीत दिवस भी है। तो आज आप इतने महत्वपूर्ण दिवसों को भी अपनी चित्रकारी का विषय बना सकते हैं। पोस्टर, रेखाचित्र, पेंटिंग या कोई वाद्य यंत्र का चित्र, आप जो चाहे बना सकते हैं।” पूरे दिन भर बच्चे कॉपी-कलम से लेकर अंतरिक्ष का सफ़र करते रहे। इसी बीच ग्रुप की सदस्य दीपिका ने शैलेंद्र धपोला जी से सवाल पूछते हुए कहा कि – “सर ,घर पर सब कह रहे हैं कि गृहण के समय खाना नहीं खाना और पानी भी नहीं पीना। क्या यह तार्किक है?” इस सवाल के जवाब में शैलेंद्र जी कहते हैं – “बिल्कुल भी तार्किक नहीं है।” कुछ देर बाद राज्य के अलग-अलग हिस्सों से बच्चे व बड़े सूर्य ग्रहण की तस्वीरें ग्रुप में भेजने लगे। रामनगर के ढेला गांव से दीक्षा करगेती ने शैलेंद्र जी के बताए अनुसार, सूर्य ग्रहण देखने के लिए मॉडल बनाकर उसका वीडियो ग्रुप में पोस्ट किया।

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इसी बीच ऐसा नहीं हुआ कि बच्चे सूर्य ग्रहण देखते-देखते कॉपी-कलम को भूल गए। दिन भर कागज़ पर कलाकारी और अंतरिक्ष यात्रा सामंजस्य से चलती रही। इस खगोलीय घटना को और बेहतर ढंग से समझाने के लिए शैलेंद्र जी ने ग्रुप में आशुतोष उपाध्याय जी के दो वीडियो साझा किए। बेरीनाग की विज्ञान खोजशाला के आशुतोष उपाध्याय जी विज्ञान को बेहद ही सरलता व सहजता से, दूर-दराज़ क्षेत्रों के बच्चों व बड़ों तक पहुंचाने के लिए जाने जाते हैं। उन वीडियोज़ में आशुतोष जी ने बेहतरीन ढंग से सूर्यग्रहण का कारण समझाया, उसे अॉब्ज़र्व करने का तरीका बताया और इससे जुड़े अंधविश्वासों को विज्ञान से ना जोड़ने को कहा। बच्चों ने अलग-अलग विषयों पर चित्रकारी की, जिसमें से एक विषय “फादर्स डे” भी था। सभी की प्रशंसा करते हुए सुरेश जी ने और बेहतर करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए। लगभग दो दर्ज़न बच्चों ने चित्रकारी करी और अपनी कलाकारी ग्रुप में साझा की।

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रोज़ की ही तरह साहित्यकार महेश पुनेठा ने पिछले दिन ग्रुप में हुई गतिविधियों की रिपोर्ट में साझा की। इस रिपोर्ट को लिखा था, नानकमत्ता पब्लिक स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा संदीप ने। दिन के लगभग अंत में ग्रुप एडमिन नवेंदु मठपाल कहते हैं कि – “ग्रुप के लिए आज एक बड़ी अच्छी खबर है। जाने-माने विज्ञान कथा लेखक, श्री देवेंद्र मेवाड़ी जी हमारे साथ जुड़ गए हैं। वे दिल्ली में रहते हैं। श्री मेवाड़ी जी का स्वागत। वे मंगलवार 23 जून को हमको परिंदों की दुनिया की सैर पर ले चलेंगे और भविष्य में हमें उनसे और भी बहुत कुछ जानने समझने का मौका मिलेगा।” साहित्य एक्सपर्ट महेश पुनेठा ने महज़ ढाई साल की वैभवी द्वारा बनाया गया रेखाचित्र ग्रुप में साझा किया। उस रेखा चित्र पर टिप्पणी करते हुए कला एक्सपर्ट सुरेश लाल कहते हैं कि – “वाह सर! वैभवी तो कलम पकड़ते ही कमाल कर रही है। प्यारी वैभवी को आशीर्वाद व ढेरों शुभकामनाएँ !” इस तरह से पेंटिंग के दिन का समापन हुआ।
भले ही संगीत दिवस कल था, लेकिन सीखने-सिखाने की कड़ी में बच्चे आज के दिन संगीत और डांस की दुनिया में सैर करेंगे। दिन का निर्देशन संगीत एक्सपर्ट अमितांशु जी और डांस एक्सपर्ट सरिता मठपाल जी करेंगी।

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रिया (10th)नानकमत्ता पब्लिक स्कूल की कलम से

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