सिनेमा के समंदर में एक और गोता…..
रामनगर
रचनात्मकता के कारवां को आगे बढ़ाते हुए रचनात्मक शिक्षक मंडल द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप “जश्न-ए-बचपन” में कल का दिन सिनेमा के नाम रहा। बच्चों को ‘द अकॉर्डियन’ फिल्म के ज़रिये सीन और शॉट को पहचानना सिखाया गया।
बच्चों में विभिन्न क्षेत्रों में रचनात्मकता लाने के लिए गठित जश्न ए बचपन में कल सिनेमा एक्सपर्ट संजय जोशी का सानिध्य बच्चों को प्राप्त हुआ। संजय जोशी ने ग्रुप में ‘द अकॉर्डियन’ फिल्म भेजी । साथ ही साथ उन्होंने टास्क देते हुए कहा- ” पहले फिल्म देखिये तसल्ली के साथ फिर पिछली बार की तरह इसके सभी सीनों के बारे में लिखिए जैसे ‘कंचे और पोस्टकार्ड’ के बारे में कृति ने लिखा था. फिर अपने पसंदीदा किसी एक सीन के सभी शाटों के बारे में लिखिए फिर किन्ही पांच शाटों के विसुअल और साउंड के बारे में लिखिए . ध्यान रहे सभी सीनों का सिर्फ नाम लिखना है।”
‘द अकार्डियन’ फिल्म पर वार्ता प्रारंभ हो गई । इस दौरान एक दर्जन से भी अधिक बच्चे इस प्रक्रिया का हिस्सा बने रहे। संजय जोशी ने बच्चों को टास्क के दूसरे हिस्से को भी करने के लिए कहते हुए एक ऑडियो पोस्ट किया। संजय जोशी ने बच्चों के काम की तारीफ करी और दूसरे बच्चों को भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बनने को कहा।
इस दौरान शीतल, आँचल, तरुण, लक्षिता ,राधा, रिया,कृति,शिवांगी,संयुक्ता,रोहित, दिव्यता ,दीपिका व हर्षिता ने इस प्रक्रिया में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया । रोज़ की तरह कल भी साहित्य एक्सपर्ट महेश पुनेठा ने पिछले दिन की रिपोर्ट साझा करी , जो कि कृति द्वारा लिखी गई थी । ग्रुप की सदस्य ‘लक्षिता’ की लॉकडाउन डायरी भी महेश पुनेठा द्वारा ग्रुप में साझा करी गई।
सीखने और सिखाने की इस प्रक्रिया में कल का दिन थियेटर के नाम रहेगा। जिसका निर्देशन थियेटर एक्सपर्ट कपिल शर्मा करेंगे।
–दीपिका (10th) नानकमत्ता पब्लिक स्कूल की कलम से
{अगर आप भी अपने बच्चे को इस अभियान से जोड़ना चाहते है तो 9536572514 पर सम्पर्क करें)
(सिनेमा दिवस की शुरुआत जाने माने सिने समीक्षक संजय जोशी जी ने कुछ इस प्रकार की)
दोस्तो,
आज हम फिर से सिनेमा पर बेसिक काम करने वाले हैं. पहले हम एक फिल्म देखेंगे फिर उस फिल्म को हमने कैसे देखा इसके लिए एक होम वर्क करेंगे. ध्यान रहे जो दोस्त फिल्म देखेंगे और फिर होम वर्क करेंगे उन्ही को फायदा होगा.
फ़िल्म है मशहूर ईरानी फ़िल्म ‘The Accordian’ जिसे जफ़र पनाही ने निर्देशित किया है .
पहले फिल्म देखिये तसल्ली के साथ फिर पिछली बार की तरह इसके सभी सीनों के बारे में लिखिए जैसे ‘कंचे और पोस्टकार्ड’ के बारे में दीपिका ने लिखा था. फिर अपने पसंदीदा किसी एक सीन के सभी शाटों के बारे में लिखिए फिर किन्ही पांच शाटों के विसुअल और साउंड के बारे में लिखिए . ध्यान रहे सभी सीनों का सिर्फ नाम लिखना है .
अगर ऐसा आप कर सके तो फ़िल्म निर्माण की समझदारी में आपका एक अच्छा कदम आगे बढ़ जाएगा और भविष्य के फ़िल्मकार की उम्मीद आपसे हम कर सकेंगे .
शुभकामनाएं . आपके काम का इंतज़ार है .
संजय जोशी
फ़िल्म का लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=qo1tm6Vi-Uw